Holi 2023: आज होली का त्यौहार है. इस होली काशी की बहनों के हाथों का महादेव की नगरी का खास गुलाल लोगों के गालों और चेहरे पर लगेगा. जानिए पूरा मामला...
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वाराणसी: आज होली ( Holi Celebration 2023 ) का त्यौहार है. इस होली काशी ( Varanasi ) की बहनों के हाथ का बना महादेव की नगरी का खास गुलाल लोगों के गालों और चेहरे पर लगेगा. खास बात ये है कि इन रंगों को विशेष रूप से तैयार किया गया है, जो आपकी त्वचा के लिए हार्मफुल नहीं होगा. आइए बताते हैं कैसे और किन चीजों से ये गुलाल तैयार किया गया है.
सब्जियों और फूलों से तैयार किया गया है गुलाल
आपको बता दें कि काशी की महिलाएं और संगठन की महिलाओं ने बाजार में बिकने वाली सब्जी, फूलों और अरारोट से अबीर और गुलाल तैयार किया है. इस गुलाल में तीनों लोको से न्यारी त्रिशूलधारी महादेव की नगरी काशी की खास खुशबू होगी.
सरकार ऐसे कर रही मदद
जानकारी के मुताबिक योगी सरकार के 75 हजार रुपये के स्टार्टअप फण्ड से काशी की ये ग्रामीण समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बना रही हैं. इतना ही नहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए गुलाल और अबीर को बेचने में भी सरकार मदद कर रही है.
आपको बता दें कि समूह की महिलाओं को सरकार ने बाकायदा स्टॉल उपलब्ध कराया है. ये महिलाएं चिरईगॉव ब्लॉक के पंचराव गांव की है. वहीं, दीदियां हर्बल गुलाल की बिक्री कर समूह की महिलाओं और उनके परिवार में भी होली का रंग और खुशियां बिखरी हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही है, ताकि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्वावलंबी बन सकें.
इस मामले में संगठन की अध्यक्ष सुमन भारद्वाज ने जानकारी दी उन्होंने बताया कि उनके संगठन में अभी 15 दीदी हैं, जो गुलाल बनाने के अलावा पैकेजिंग और बिक्री का काम भी करती हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा करके समूह की महिलाएं प्रतिदिन 500-600 रुपये कमा लेती हैं.
इस मामले में उपायुक्त स्वतः रोजगार दिलीप सोनकर ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ग्राम संगठन समूह को 75 हजार का स्टार्टअप फण्ड सरकार के द्वारा दिया गया है. इसके अलावा गुलाल और अबीर बनाने वाली इन महिलाओं को गुलाल बेचने के लिए विकास भवन और चिरईगांव ब्लॉक पर स्थान दिया गया है.
जानिए की सब्जी से बना किस रंग का गुलाल
आपको बता दें कि पालक से हरा गुलाल, चुकंदर और गाजर से गुलाबी, गेंदे के फूल से पीला गुलाल तैयार किया गया है. दरअसल, इसमें अरारोट का इस्तेमाल भी होता है. वहीं, खुशबु के लिए गुलाल में खास तरह की सुगंध को मिलाया जाता है. जानकारी के मुताबिक इस साल एक क्विंटल से ज्यादा हर्बल गुलाल बनाकर बाजार में उतारा गया है.