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नैनीताल: उत्तराखंड (Uttrakhand) के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह (Trivendra Singh Ravat) रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल, नैनीताल (Nainital) के सूखा ताल के निर्माण कार्य पर हाईकोर्ट (High Court) ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना की सूखा ताल क्षेत्र में जो भी सौंदर्यीकरण के काम यहां चल रहे हैं वो बिना पर्यावरणीय स्वीकृती (Environmental Clearance) लिए बगैर चल रहे हैं. वहीं, कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार (State Government) से जवाब मांगा है. कोर्ट ने जल्द से जल्द जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
नैनीताल झील को मिलता है 40 प्रतिशत पानी
आपको बता दें कि नैनीताल के सूखाताल में चल रहे सौन्दर्यकरण से जुड़ा मामला है. सूखाताल में चल रहे सौन्दर्यकरण के काम को क्षेत्रीय निवासी डॉ जीपी साह समेत 40 से अधिक लोगों ने ताल में चल रहे विकास कार्य पर सवाल उठाए थे. इस मामले में उन्होंने हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर सूखाताल में चल रहे काम पर रोक लगाने की मांग की थी. जानकारी के मुताबिक पत्र में कहा गया था कि इस झील से नैनीताल झील को 40 प्रतिशत पानी मिलता है, लेकिन यहां केवल कंकरीट का ढांचा तैयार किया जा रहा है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में किया है एक्शन
इस मामले में हाई कोर्ट के अधिवक्ता कार्तिकेय हरी गुप्ता ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने इस मामले में एक्शन किया है. इस मामले में हाईकोर्ट (High Court) ने पत्र का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सूखा ताल क्षेत्र में हो रहे पुनर्निर्माण कार्य पर अग्रिम आदेशों तक पूर्ण रूप से रोक लगा दी है. इससे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है.
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