UP Assembly : कहते हैं न मृत्यु के बाद सम्मान प्रदान करना भारतीय संस्कृति की विशेषता है. विधायी प्रक्रियाओं में भी इसकी छाप देखने को मिलती है. सोमवार को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई मोहम्मद अशरफ के मामले में ऐसा ही देखने को मिला.
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लखनऊ : माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को सोमवार को सदन के पूर्व सदस्य के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में श्रद्धांजलि दी गई. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने प्रश्नकाल के बाद निधन के संदेश पढ़े. उन्होंने अतीक अहमद के भाई और वर्ष 2005 में इलाहाबाद पश्चिम सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक रहे खालिद अजीम उर्फ अशरफ के निधन का संदेश पढ़ते हुए कहा, ''खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की थी. वह वर्ष 2005 में इलाहाबाद पश्चिम सीट के लिए हुए उपचुनाव में सपा के विधायक चुने गए थे.''
महाना ने अतीक अहमद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ''अतीक अहमद का 15 अप्रैल 2023 को निधन हो गया. वह लगभग 61 वर्ष के थे. अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को प्रयागराज में हुआ था. उन्होंने हाई स्कूल तक शिक्षा ग्रहण की थी. अतीक अहमद वर्ष 1989, 1991 और 1993 में निर्दलीय तथा 1996 में सपा और 2002 में अपना दल से इलाहाबाद पश्चिम से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. वह विधानसभा की लोक लेखा समिति के सदस्य थे. वह वर्ष 2004 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए.''
इन दिवंगत सदस्यों को दी गई श्रद्धांजलि
इनके अलावा सदन में अन्य पूर्व सदस्यों सत्तार अहमद अंसारी, अमर सिंह, प्रेम प्रकाश सिंह, सुजान सिंह बुंदेला, शारदा प्रसाद शुक्ला, हरिशंकर तिवारी, अवनीश कुमार सिंह, हरिद्वार दुबे और अबरार अहमद को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इसके बाद दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सदन में कुछ मिनट का मौन रखा गया. दोनों भाईयों में पहले बड़े भाई मोहम्मद अशरफ का नाम लिया गया. उसके बाद अतीक अहमद का नाम स्पीकर सतीश महाना ने लिया. हालांकि दूसरे सदस्यों के नाम का उल्लेख करने के बाद उनके सामाजिक योगदान का जिक्र किया गया, उनकी मृत्यु को राजनीतिक क्षति बताया गया लेकिन अतीक अहमद और मोहम्मद अशरफ के मामले में ऐसा नहीं किया गया.
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लोकसभा में भी दी गई थी श्रद्धांजलि
अप्रैल में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब उसे हेल्थ चेकअप के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया था. इससे पहले अतीक अहमद को लोकसभा में श्रद्धांजलि दी चुकी है. अतीक अहमद लोकसभा का सदस्य रह चुका था.
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