देश में एक लाख से अधिक ओडीएफ प्लस गांव, यूपी टॉप 5 में शामिल
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देश में एक लाख से अधिक ओडीएफ प्लस गांव, यूपी टॉप 5 में शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अक्सर क्लीन इंडिया मिशन को लेकर जनभागीदारी की जरुरत पर बल देते रहे हैं. स्वच्छता को आंदोलन बनाने की दिशा में केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में देश के एक लाख से अधिक गांव ओडीएफ प्लस घोषित किए गए हैं. आइए जानते हैं क्या है ओडीएफ प्लस गांव और कौन से पांच राज्यों ने किया है बेहतरीन प्रदर्शन

देश में एक लाख से अधिक ओडीएफ प्लस गांव, यूपी टॉप 5 में शामिल

लखनऊ: स्वच्छता को आंदोलन बनाने की दिशा में केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अक्सर क्लीन इंडिया मिशन को लेकर जनभागीदारी की जरुरत पर बल देते रहे हैं. इस कड़ी में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत देश के एक लाख से अधिक गांवों ने खुद को ओडीएफ प्लस घोषित किया है. ओडीएफ प्लस कैटेगरी में वह गांव शामिल होते हैं जो अपनी खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखते हुए, सॉलिड और तरल कचरा (लिक्विड वेस्ट) प्रबंधन को मजबूती देते हैं. यानी इन गांव में सॉलिड और तरल कचरा प्रबंधन से जुड़ी सभी बुनियादी सुविधाएं जैसे वेस्ट कलेक्शन, वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट आदि उपलब्ध होती है.

देश के पांच राज्यों में सबसे अधिक ओडीएफ प्लस गांव

जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक देश के पांच राज्यों ने ओडीएफ प्लस गांव बनाने में बेहतरीन प्रदर्शन किया है.  इनमें तेलंगाना (Telangana) तमिलनाडु (Tamilnadu), ओडिशा (Odisha), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और हिमाचल प्रदेश (Himanchal Pradesh) शामिल हैं. स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन के तहत देश भर के 99,640 गांवों में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था कर दी गई है. इसके साथ ही लगभग 57,312 गांवों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट हैं. इससे पहले 2 अक्टूबर 2019 को ग्रामीण भारत यूएन (संयुक्त राष्ट्र संघ) द्वारा तय सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी-6) को हासिल करने की अवधि से पहले ही खुले में शौच मुक्त हो चुका है.

75 गांव बनेंगे मॉडल विलेज

जल शक्ति मंत्रालय की सचिव सुश्री विनी महाजन के मुताबिक यह स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के पहले चरण की सफलता के बाद दूसरे चरण में स्वच्छता के दायरे को और बढ़ाया गया है. अब गांव में शौचालय की संख्या बढ़ाने के साथ ही सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वेस्ट मैनेजमेंट एक सामुदायिक अभियान बने इसके लिए निजी क्षेत्र का अहम योगदान होगा. इसके लिए केंद्र सरकार अमृत महोत्सव वर्ष में देश के 75 गांव को मॉडल के रूप में विकसित करेगी. केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना को पूरी होने की अवधि 31 मार्च 2023 रखी गई है. यह गांव स्वच्छता के हर वैश्विक मानकों में खरे होंगे. पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध उद्योगपति एवं फिक्की की पूर्व अध्यक्ष नैना लाल किदवई के मुताबिक आर्थिक संसाधन की कोई कमी नहीं है, जरुरत है पंचायतों को तकनीक और व्यवस्था से जुड़ी ट्रेनिंग देने की. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से निजी क्षेत्र और जनभागीदारी से हर घर और गांव को स्वच्छ बनाया जा सकता है.

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