UP Vidhansabha Chunav 2022: मुरादाबाद नगर सीट पर वैश्य मतदाता तय करते हैं जीत-हार, जानें राजनीतिक इतिहास
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UP Vidhansabha Chunav 2022: मुरादाबाद नगर सीट पर वैश्य मतदाता तय करते हैं जीत-हार, जानें राजनीतिक इतिहास

मुरादाबाद नगर सीट अनारक्षित है और यहां पर वैश्य समाज का दबदबा रहा है. इसका अंदाजा आप आसानी से लगा सकते हैं, अब तक हुए 17 चुनावों में 10 बार वैश्य समाज का उम्मीदवार यहां से विधायक बना है. 

सांकेतिक तस्वीर.

मुरादाबाद: मुरादाबाद नगर विधानसभा सीट 1951 से अस्तित्व में है और यहां के मतदाआतों को यूपी में हुए सभी 17 विधानसभा चुनावों में वोट डालने का अवसर मिला है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार मुरादाबाद नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या 3,88,966 है. इनमें पुरुषों की संख्या 2,13,449 है जबकि महिला वोटर्स की संख्या 1,75,487 है. चूंकि मोरादाबाद यूपी का एक मंडल है इसलिए नगर विधानसभा सीट के मतदाताओं के लिए सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में बहुत पर्याप्त हैं. उन्हें​ शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन इत्यादि सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं. 

मुरादाबाद नगर असेंबली सीट पर धार्मिक-जातिगत समीकरण
मुरादाबाद में पीतल उद्योग है इसलिए रोजगार के लिए भी लोगों को दिक्कत नहीं होती. वैसे इस ​निर्वाचन क्षेत्र के ज्यादातर मतदाता स्वरोजगार में लगे हैं. व्यापर-धंधा करते हैं. सड़कें भी चुस्त दुरुस्त हैं. मुरादाबाद नगर सीट अनारक्षित है और यहां पर वैश्य समाज का दबदबा रहा है. इसका अंदाजा आप आसानी से लगा सकते हैं, अब तक हुए 17 चुनावों में 10 बार वैश्य समाज का उम्मीदवार यहां से विधायक बना है. इस विधानसभा सीट से 4 बार कांग्रेस, 2 बार निर्दलीय, 1 बार आरपीआई, 1 बार भारतीय जनसंघ, 1 बार जनता पार्टी, 2 बार जनता दल, 4 बार भाजपा और 2 बार समाजवादी पार्टी के विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. 

मुरादाबाद नगर का राजनीतिक इतिहास और 2017 के नतीजे
इस सीट पर 1951 में कांग्रेस के केदारनाथ जीत, 1957 में निर्दलीय हलीमुद्दीन जीते. हलीमुद्दीन 1962 के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के टिकट पर विधायक बने, 1967 में ओंकार सरन कांग्रेस से जीते, फिर 1969 के चुनाव में हलीमुद्दीन निर्दलीय चुनाव जीते. साल 1974 और 1977 में दो बार लगातार दिनेश चन्द्र रस्तोगी विधायक चुने गए थे. उन्होंने पहली बार भारतीय जनसंघ और दूसरी बार जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, विधायक चुनकर सदन में पहुंचे. उसके बाद 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही. 

1980 में हाफिज मोहम्मद सिद्दीकी और 1985 में पुष्पा सिंघल कांग्रेस से विधायक चुनी गईं. इस सीट पर 1989 और 1991 में जनता दल ने कब्जा किया. 1989 में शमीम अहमद और 1991 में जाहिद हुसैन जनता दल से विधायक चुने गये. फिर 1993 से सीट पर 2007 तक हुए 4 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर संदीप अग्रवाल का कब्जा रहा. वह तीन बार भारतीय जनता पार्टी और 2007 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे. 

संदीप अग्रवाल 2012 के चुनाव तक बीमारी से ग्रस्त हो गए. उनके स्थान पर समाजवादी पार्टी ने युसूफ अंसारी ने को टिकट दिया और वह जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रितेश गुप्ता को हराया था. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रितेश गुप्ता पर एक बार फिर दांव लगाया. उनके सामने समाजवादी पार्टी से एक बार फिर युसूफ अंसारी थे. लेकिन रितेश गुप्ता 3193 मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे.

वर्तमान भाजपा विधायक का रिपोर्ट कार्ड
वर्तमान भाजपा विधायक रितेश गुप्ता का जन्म 08 मार्च 1972 को मुरादाबाद में ही हुआ. उन्होंने मुरादाबाद में ही B.COM तक की शिक्षा प्राप्त की. विधायक रितेश गुप्ता ने 1995 में अल्पना गुप्ता के साथ परिणय सूत्र में बंधे. उनका एक बेटा और एक बेटी हैं. विधायक रितेश गुप्ता का परिवार सर्राफा कारोबार से जुड़ा है. रितेश गुप्ता ने यहीं से राजनीति की सीढ़ियां चढ़नी शुरू कर दी थी. रितेश गुप्ता को मुरादाबाद नगर निर्वाचन क्षेत्र में विकास कराने के लिए बहुत प्रयास नहीं करने पड़े. सरकार उनकी पार्टी की है और सीट शहरी क्षेत्र की. इसलिए यह सीट हमेशा से सरकारों की प्राथमिकता में रही है. 

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