UP News: गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में पूर्व एमएलसी और बाहुबली बृजेश सिंह की पेशी हुई. दरअसल, जमानत मिलने के बाद दूसरी बार वह अपने वकीलों के साथ भारी पुलिस सुरक्षा में पेश हुए
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गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में पूर्व एमएलसी और बाहुबली बृजेश सिंह की पेशी हुई. दरअसल, जमानत मिलने के बाद दूसरी बार वह अपने वकीलों के साथ भारी पुलिस सुरक्षा में पेश हुए. इस दौरान बृजेश सिंह के खिलाफ मुकदमें का अहम गवाह मुख्तार का ड्राइवर रमेश भी पुलिस सुरक्षा में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुआ. इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से त्रिभुवन सिंह भी मौजूद रहे.
साल 2001 में हुआ था ये कांड
दरअसल, पूरा मामला हाई प्रोफाइल है. आपको बता दें कि यह घटना 15 जुलाई 2001 की है. बताया जाता है कि मोहम्मदाबाद के उसरी चट्टी पर मुख्तार के काफिले पर माफिया बृजेश सिंह की गैंग ने हमला किया था. दोनों तरफ से ताबड़तोड़ गोलियां चली थी, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई थी. उसी मामले में आज गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में माफिया बृजेश सिंह की पेशी हुई और माफिया त्रिभुवन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए थे, जिसमें माफिया बृजेश सिंह, माफिया त्रिभुवन सिंह समेत अन्य 15 लोग आरोपी हैं.
जिरह के दौरान गवाह की हुई पेशी
गाजीपुर के चर्चित उसरी कांड का मुख्य चश्मदीद गवाह और मुख्तार का ड्राइवर रमेश राम भी पुलिस अभिरक्षा में एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुआ. कोर्ट में जिरह के दौरान गवाह रमेश राम ने आरोपी को पहचानने की बात की, लेकिन सरकारी वकील के द्वारा आरोपियों को पहचानने की बात नहीं की गई. जिसके बाद पहचान के लिए एक प्रार्थना पत्र दिया गया है. फिलहाल, मामले में जिरह जारी रखने के निर्देश के साथ ही कोर्ट ने सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है.
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने कहा
इस मामले में मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि उसरी कांड के मुख्य गवाह रमेश राम की पुलिस पेशी हुई है. जिसमें सरकारी वकील के जिरह जारी करते हुए अगली तारीख 13 सितंबर को कोर्ट द्वारा मुकर्रर की गई है. वहीं, उन्होंने मुख्य गवाह की सुरक्षा को लेकर कहा कि पिछली तारीख पर गवाह रमेश ने न्यायालय से सुरक्षा की गुहार लगाई थी, जिसके बाद न्यायालय ने उसे सुरक्षा देने का आदेश जारी किया था, लेकिन मोहम्मदाबाद थाने की पुलिस उसके साथ बंदी की तरह व्यवहार कर रही थी. उसकी पत्नी, बच्चे और उसके वकील तक को मिलने नहीं दिया जा रहा था.
वाकई चश्मदीद ने आरोपियों को पहचान लिया?
आपको बता दें कि आज पेशी के दौरान न्यायालय ने गवाह रमेश राम को उसके घर पर रहने और सुरक्षा देने का आदेश दिया गया है. वहीं, सरकारी वकील के द्वारा घटना के आरोपियों की पहचान के लिए पूछा गया, तब गवाह ने पहचानने की बात कही, लेकिन सरकारी अधिवक्ता के द्वारा आरोपियों की पहचान नहीं कराई गई.
एडीजीसी क्रिमिनल ने दी जानकारी
वहीं, एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने इस मामले में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज कोर्ट कार्रवाई में गवाह रमेश राम के गवाही की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले में जिरह जारी है. सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 सितंबर मुकर्रर की गई है. वहीं, गवाह की सुरक्षा के बाबत उन्होंने कहा कि गवाह द्वारा सुरक्षा की बात कही गई है, जो न्यायालय द्वारा घर पर सुरक्षा दी जाएगी. सुरक्षा की जिम्मेदारी मरदह थाने को दी गई है.
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