UP Budget 2023: उद्यमी कारीगरों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की सौगात, मौत के बाद मिलेगा 5 लाख का बीमा कवर
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UP Budget 2023: उद्यमी कारीगरों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की सौगात, मौत के बाद मिलेगा 5 लाख का बीमा कवर

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार का बजट (UP Budget 2023) वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कैबिनेट में मंजूरी के बाद विधानसभा में पेश किया. यूपी का ये बजट उद्यमी कारीगरों के लिए बेहद खास है. इस बजट में उद्यमी कारीगरों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की सौगात दी गई है.

UP Budget 2023: उद्यमी कारीगरों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की सौगात, मौत के बाद मिलेगा 5 लाख का बीमा कवर

UP Budget 2023: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार का बजट (UP Budget 2023) वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कैबिनेट में मंजूरी के बाद विधानसभा में पेश किया. यूपी का ये बजट उद्यमी कारीगरों के लिए बेहद खास है. इस बजट में उद्यमी कारीगरों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की सौगात दी गई है. इसके तहत उन्हें मौत के बाद 5 लाख का बीमा कवर दिया जाएगा. आइए बताते हैं उद्यमियों के लिए बजट में क्या कुछ खास है.

आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक-स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फण्ड के लिए 20 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं. इसके अलावा प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को रोजगारोन्मुख व्यावसायिक कोर्सेज/स्किल्स में प्रशिक्षण देने की योजना के तहत कौशल विकास मिशन के माध्यम से 6 वर्षों में 12 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है. इसके साथ ही 4 लाख 88 हजार युवाओं को प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायोजित भी कराया गया है.

वहीं, अगर मनरेगा की बात करें तो इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में अब तक उत्तर प्रदेश में 26 लाख 29 हजार मानव दिवस सृजित कर यूपी ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित परिवारों को दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु अथवा पूर्ण स्थायी अपंगता की स्थिति में आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए साल 2022 में मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना शुरू की गई. खास बात ये है कि ये योजना 1 मई से 2022 से लागू की गई. इसके तहत बीमित परिवार के सदस्य की दुर्घटना होने पर मृत्यु या स्थायी क्षति होने पर परिवार को नियमानुसार 5 लाख की राशि का भुगतान किया जाएगा.

आपको बता दें कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में अब तक लगभग 1 लाख 7 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है. एवं 81,283 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड प्रदान करते हुए 3,497 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध करायी गई है. वहीं, प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक उद्यमों की स्थापना के लिए अनुकूल वातावरण का सृजन किया गया है. वहीं, एमएसएमई अधिनियम, 2020 के माध्यम से इकाईयों को 1000 दिवस तक किसी भी विभाग से निरीक्षण से छूट प्रदान की गई है.

आपको बता दें कि साल 2022-2023 में 24 नवम्बर, 2023 तक यूपी में 3 लाख 95 हजार से अधिक उद्यम पंजीकृत हुए, जिसमें 25 लाख 64 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ. एक जनपद-एक उत्पाद वित्त पोषण योजनान्तर्गत 1 लाख 35 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ. एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना के अंतर्गत अब तक 83473 से अधिक हस्तशिल्पियों पारम्परिक कारीगरों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण किया गया है. वहीं, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के से 1 लाख 73 हजार से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं.

बता दें कि अप्रेन्टिसशिप के लिए युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 31 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही है. इसके अन्तर्गत लगभग 3.10 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना कराई जा चुकी है.

उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है. प्रदेश के कृषकों को गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला पौध उपलब्ध कराने हेतु ऊतक सम्वर्धन प्रयोगशाला की स्थापना हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग कृषि क्षेत्र के बाद हथकरघा उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीकृत कुटीर उद्योग है । प्रदेश में लगभग 1.91 लाख (एक लाख इक्यानबे हजार) हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हथकरघे हैं। प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविको-पार्जन कर रहे हैं.

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