Mafia Atique Ahmed : अतीक अहमद ने 70 एकड़ जमीन पर बसा दी अवैध कॉलोनियां, माफिया का वेस्ट यूपी कनेक्शन सामने आया
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Mafia Atique Ahmed : अतीक अहमद ने 70 एकड़ जमीन पर बसा दी अवैध कॉलोनियां, माफिया का वेस्ट यूपी कनेक्शन सामने आया

Mafia Atique Ahmed : अतीक अहमद ने बसपा शासन काल में सत्ता का दुरुपयोग करके भू-माफिया और बिल्डरों के साथ मिलकर वेस्ट यूपी की जमीनों पर अवैध कॉलोनियां बसी दीं. अतीक के इस करतूत से शासन को बड़ा राजस्व का नुकसान हुआ. 

Mafia Atique Ahmed : अतीक अहमद ने 70 एकड़ जमीन पर बसा दी अवैध कॉलोनियां, माफिया का वेस्ट यूपी कनेक्शन सामने आया

Mafia Atique Ahmed : प्रयागराज शूटआउट के बाद पुलिस की जांच में एक के बाद एक परत खुलती जा रही है. इस बार माफिया अतीक अहमद का वेस्ट यूपी कनेक्शन सामने आया है. अतीक अहमद ने बसपा शासन काल में सत्ता का दुरुपयोग करके भू-माफिया और बिल्डरों के साथ मिलकर वेस्ट यूपी की जमीनों पर अवैध कॉलोनियां बसी दीं. अतीक के इस करतूत से शासन को बड़ा राजस्व का नुकसान हुआ. 

यह है पूरा मामला 
दरअसल, यह बात वर्ष 2004 की है, जब बसपा शासनकाल में अतीक अहमद फूलपुर से सांसद थे. सांसद रहते हुए सत्ता का दुरुपयोग करते हुए अतीक अहमद ने मेरठ की काजीपुर इलाके की 70 एकड़ जमीन के लिए मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था. इसमें छोटे किसानों और बस्ती के कब्जे का हवाला देते हुए इस जमीन को अर्जन मुक्त रखने की बात कही गई. 

शासन को लिखा था पत्र 
अतीक अहमद के पत्र पर शासन ने अपनी ही योजना जागृति विहार एक्सटेंशन को दरकिनार करते हुए इस जमीन को अर्जुन मुक्त कर दिया, लेकिन यह जमीन बसपा के पूर्व एमएलसी हरपाल सैनी के भाई समय सिंह सैनी और कुछ बिल्डरों के नाम थी, जिन्होंने इस जमीन पर कॉलोनियां काट दीं. राजनीतिक और भू-माफिया के गठजोड़ से घोटाले की कहानी यहीं खत्म नहीं होती. 

इन कॉलोनियां को बसाया 
वैष्णो एसोसिएट्स नाम की कंपनी ने इस जमीन पर सोमदत्त विहार, सोमदत्त सिटी, सोमदत्त एक्सटेंशन, लखमी विहार जैसी तमाम कॉलोनियां बसा दीं. इनमें से कुछ कॉलोनियों के नक्शे पास कराए गए, लेकिन अधिकतर कॉलोनी बिना नक्शे के ही बना दी गई. आवास विकास परिषद ने सत्ता और भूमाफिया के आगे घुटने टेक दिए थे. भ्रष्टाचार की मलाई के चलते आवास विकास के अधिकारियों ने करोड़ों का डेवलपमेंट चार्ज भी नहीं वसूला. 

अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से संभव हुआ
इतना ही नहीं अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते इस कॉलोनी से जुड़ी फाइलें भी गायब कर दी गईं. वहीं, जब आवास विकास के अधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया. आईटीआई के माध्यम से इस मामले में आवास विकास में कई चौंकाने वाले जवाब भी दिए हैं.  इन पर अब आवास विकास के अधिकारी मुंह छुपाते भी नजर आ रहे हैं. 

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