Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में एक ऐसा ऐतिहासिक मंदिर है जहां चार साल का छोटा बच्चा भी शिवलिंग को आलिंगन कर उसे गले लगा सकता है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति के भीतर जरा भी अहंकार है तो वह शिवलिंग को गले नहीं लगा सकता है. शिवजी उसे आलिंगन नहीं करने देते. जानिए क्या है इस मंदिर से जुड़ी हुई मान्यताएं.
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सुनील सिंह/संभल: सावन महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ पहुंच रही है. देश के हर मंदिर के साथ कुछ न कुछ पौराणिक व सांस्कृतिक मान्यताएं जुड़ी होती हैं. उत्तर प्रदेश के संभल जिले की चंदौसी तहसील के बेरनी गांव में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है, जहां शिवलिंग अहंकारी लोगों को पहचान लेता है. घमंडी व्यक्ति शिवलिंग को छू भी नहीं सकता है.श्रावण माह में इस अलौकिक शिवलिंग के दर्शन और पूजा अर्चना करने के लिए बड़ी संख्या शिव भक्त इस प्राचीन शिव मन्दिर में पहुंचते हैं.
राजा बेन ने कराया था निर्माण
इस मंदिर की स्थापना 1700 साल पहले हुई थी. 5 वीं सदी में राजा बेन ने इस शिव मंदिर की स्थापना कराई थी. इस मंदिर की ख्याति इतनी अधिक है कि यहां साल भर भक्त दर्शन के लिए आते हैं. इस साल भी श्रावण सोमवार में अनोखे शिवलिंग की पूजा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. डीएम मनीष बंसल और एसपी चक्रेश मिश्र ने मंदिर परिसर का निरीक्षण कर सुरक्षा और अन्य सभी व्यवस्थाओं को ठीक रखने का निर्देश दिया है.
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भक्तों के लिए प्रशासन ने की व्यवस्थाएं
संभल के डीएम मनीष बंसल के मुताबिक सावन माह में भारी मात्रा में कांवड़ यात्री संभल से होकर गुजरेंगे. इस दौरान शिव मंदिरों और मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है. नगर पालिका, नगर पंचायत, बिजली विभाग समेत सभी विभाग को जरूरी निर्देश दिये गये हैं. कावड़ यात्रियों के मार्ग पर मांस और मदिरा की दुकानों को बंद रखने के का आदेश भी दिया गया है.
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पुरातात्विक अहमियत
इसी मंदिर से चंदौसी तहसील के इस क्षेत्र को राजा बेन की नगरी बताया जाता है. राजा बेन के नाम पर ही इस गांव का नाम बेरनी पड़ा. विशाल टीले पर बसे इस गांव में टीलों की खुदाई के दौरान आज भी 5वीं सदी की मूर्तियां और सिक्के मिलते हैं. 2010 में एक टीले की खुदाई के दौरान एक किसान को भगवान शिव के चतुर्भुज रूप की एक मूर्ति मिली थी.
सीएम रहते हुए समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भी इस मन्दिर के जीर्णोद्वार के लिए 10 लाख रूपए दिए थे. पर्यटन विभाग ने भी 10 लाख रूपये इस मन्दिर में सुविधाओं के लिए आवंटित किये हैं. प्राचीन शिव मंदिर का 3 बार जीर्णोद्वार हो चुका है. महंत महादेव गिरी का कहना है कि यहां आने वाले श्रद्धालु यदि विनम्रता पूर्वक शिवजी के सामने अपनी मनोकामना रखते हैं, तो वह जरूर पूरी होती है.
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