Varanasi Serial Blasts Case : 5 अप्रैल 2006 को लखनऊ के गोसाईंगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था आतंकी वलीउल्लाह. वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में भी शामिल था आतंकी वलीउल्लाह. बुधवार को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया.
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लखनऊ : 16 साल पहले आरडीएक्स जैसे विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार हुए आतंकी वलीउल्लाह को एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने दोषी करार दिया है. कोर्ट आतंकी वलीउल्लाह को 13 अप्रैल को सजा सुनाएगी. बता दें कि वाराणसी में 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट में भी आतंकी वलीउल्लाह शामिल था. इस मामले में वलीउल्लाह को फांसी की सजा हो चुकी है.
आतंकी वलीउल्लाह दोषी करार
दरअसल, न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने करीब 16 साल पहले विस्फोटक आरडीएक्स, डेटोनेटर एवं फैक्ट्री मेड विदेशी पिस्टल के साथ गिरफ्तार आतंकी वलीउल्ला मामले में सुनवाई की. इसके बाद न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आतंकी वल्लीउल्लाह को दोषी करार देते हुए 13 अप्रैल को सजा की डेट तय कर दी. डीजीसी एमके सिंह ने बताया कि आरोपी को 5 अप्रैल 2006 को तड़के करीब 3.30 बजे वाराणसी के भेलूपुर तत्कालीन क्षेत्राधिकारी पीएन त्रिपाठी ने लखनऊ के गोसाईंगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था.
वाराणसी में ब्लास्ट करना मकसद
गिरफ्तारी के समय वलीउल्ला से फैक्ट्री मेड पिस्टल, जिंदा कारतूस के अलावा डेढ़ किलो आरडीएक्स मिला था. पुलिस की पूछताछ में वलीउल्लाह ने बताया कि वाराणसी भीड़ भाड़ वाला शहर है. उसका इरादा था कि दिल्ली की तरह होली के त्योहार पर बम विस्फोट कर दहशतगर्दी करना था, ताकि वहां के मुसलमानों के दिलों में ठंडक पहुंच सके.
गाजियाबाद कोर्ट सुना चुकी है मौत की सजा
कोर्ट को बताया गया कि आतंकी ने साथियों के साथ प्लान के मुताबिक 3 मार्च 2006 की रात 10 बजे फूलपुर आया और उन लोगों ने किराए के मकान में बांग्लादेशी आतंकियों को ठहराया. बताया गया कि 4 मार्च को ही वाराणसी जाकर बम विस्फोट के लिए मंदिर की शक्ल में बने रेलवे स्टेशन, संकट मोचन मंदिर और दशाश्वमेध घाट को टारगेट के लिए तय किया. कोर्ट को बताया गया कि संकट मोचन मंदिर सहित अन्य स्थलों पर विस्फोट करके तबाही मचाने के आरोप में वलीउल्लाह को 6 जून 2022 को गाजियाबाद के जिला जज जितेंद्र सिन्हा ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है.
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