कोरोना महामारी की चपेट में देश में हर क्षेत्र में हालात बहुत खराब हो गए. लोगों ने शहरों से पलायन कर गांवों की ओर रुख किया. आज भी कोविड के बाद से शहरों में रोजगार के अवसर कम ही मिल ही रहे हैं.
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Soil Health Card Yojana: कोरोना महामारी की चपेट में देश में हर क्षेत्र में हालात बहुत खराब हो गए. लोगों ने शहरों से पलायन कर गांवों की ओर रुख किया. आज भी कोविड के बाद से शहरों में रोजगार के अवसर कम ही मिल ही रहे हैं. ऐसे में कोरोना के दौरान अपने गांव लौटे लोगों ने वहीं रहकर काम की तलाश शुरू कर दी है और कुछ लोग जीविका चलाने के लिए जो काम मिल जाता है वही कर लेते हैं.
हालांकि, गांवों में खेती या मजबूरी का ही ऑप्शन होता है. खुद का व्यवसाय खोलने के लिए पैसों की जरूरत होती है, लेकिन गारंटी नहीं कि व्यवसाय चल ही जाएगा. ऐसे में लोग बिना खेती किए कमाई करना चाहते हैं तो ऐसे लोगों के लिए सरकार एक स्कीम चला रही है. आप गांव में रहकर कृषि के क्षेत्र में इंवेस्ट करना चाहते हैं तो सॉइल हेल्थ कार्ड योजना (Soil Health Card Yojana) आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है.
जानें क्या है सॉइल हेल्थ कार्ड योजना
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के अंतर्गत, सरकार पंचायत स्तर पर एक मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित करने में सहायता करती है. इस लैब में आस-पास के खेतों की मिट्टी की टेस्टिंग की जाती है. फिलहाल, ग्रामीण इलाकों में ऐसी लैब्स बहुत ही कम हैं. आप इस कारोबार को शुरू करके गांव में ही बढ़िया आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.
किसानों के खेत की मिट्टी का नमूना लेकर उसकी टेस्टिंग करनी होगी. इसके आधार पर सॉइल हेल्थ कार्ड का प्रिंटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन करने पर आपको पर सैंपल 300 रुपये मिलते हैं. इस तरह आप आराम से महीने में 15 से 25 हजार रुपये कमा सकते हैं.
ये लोग उठा सकते हैं योजना का लाभ
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत 18 से 40 साल के व्यक्ति अपने पंचायत में मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित कर सकते हैं. आपको बता दें कि इस स्कीम का लाभ वही लोग उठा पाएंगे जो किसान परिवार से आते हैं. इसके अलावा जो लोग एग्री क्लीनिक, कृषि उद्यमी ट्रेनिंग के साथ 10वीं पास किए होंगे उन्हें ही योजना का लाभ मिलेगा.
ऐसे करें आवेदन
1.मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए आपको अपने जिले के उपनिदेशक (कृषि) या संयुक्त निदेशक कृषि से उनके ऑफिस जाकर मिलना होगा.
2.साथ ही आप agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए संपर्क किया जा सकता है.
3.आप ज्यादा जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर के नंबर- 1800-180-1551 पर भी संपर्क कर सकते हैं.
4.कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने पर इस योजना के तहत मिनी टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए आपको फॉर्म दिया जाएगा.
5.इसे भरकर मंगो गए सभी डॉक्यूमेंट्स अटैच करके कृषि विभाग में जमा करना होगा.
सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित करने पर खर्च
पंचायत स्तर पर किसी भी मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब को खोलने में करीब पांच लाख रुपये का खर्च आता है. केंद्र सरकार सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत आपको इसके लिए 75 फीसदी राशि उपलब्ध कराती है. यानी की आपको सरकार की ओर से 3.75 लाख रुपये दिए जाएंगे. आपको 1.25 लाख रुपये करने होंगे. आवेदनकर्ता के पास खुद की या किराये की पक्की जगह होना चाहिए. इसके अलावा ग्रामीण युवा मोबाइल सॉइल टेस्टिंग वैन के रूप में भी लैब खोल सकते हैं.
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