Sambhal Violence: संभल में पत्थरबाजी का कश्मीरी पैटर्न? नकाबपोश दंगाई, संकरी गलियों से हमला, महिलाओं-बच्चों को आगे करना दे रही यही संकेत
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2530929

Sambhal Violence: संभल में पत्थरबाजी का कश्मीरी पैटर्न? नकाबपोश दंगाई, संकरी गलियों से हमला, महिलाओं-बच्चों को आगे करना दे रही यही संकेत

Sambhal Violence News: संभल शहर की शाही जामा मस्जिद में सर्वे के लिए टीम गई थी जिस पर उपद्रवियों ने पथराव किया. इतना ज्यादा पथराव किया कि सड़कों पर ईंट-पत्थर भर गए. 

Sambhal Violence

संभल: पत्थरबाजी, पथराव, हमला, ऐसे शब्दों को सुनकर सबसे पहले दिमाग में कश्मीर का नाम आता है लेकिन उत्तर प्रदेश के संभल में कुछ ऐसा हुआ कि जिससे साफ साफ दिखता है कि पत्थरबाजी कि कश्मीर जैसे पैटर्न को अपनाते हुए अराजकतत्वों ने पूरी योजना के साथ अराजकता को अंजाम देने की हरकत को अंजान दिया है. संभल के जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर कुछ इस तरह का बवाल हुआ कि लखनऊ तक इसकी धधक पहुंच गई. 

सर्वे टीम पर पत्थरबाजी से हड़कंप मच गया
सर्वे टीम पर पत्थरबाजी के मामले से हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मौके पर आला अधिकारी पहुंचे और डीजीपी ने हालातों पर नजर बनाया. रविवार सुबह बीती और दोपहर आया तब जाकर माहौल थोड़ा शांत हुआ. पुलिस ने फ्लैग मार्च किया और पीएसी से लेकर आरआरएफ व आरएएफ की कंपनियां लगीं. हालांकि तब तक तोड़फोड़-आगजनी हो चुकी थी पथराव और गोलीबारी तक कर दी गई और चार लोगों ने अपनी जान भी गवां दी. फिलहाल, इलाके में जबरदस्त तनाव की स्थिति है और इंटरनेट समेत स्कूल-कॉलेज को बंद रखा गया है.

कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी
ध्यान दें कि कुछ ही सालों पहले की बात है जब कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी से सड़के पट जाती थीं और भीड़ ताबतोड़ पत्थर बरसाने लगती थी. वहीं उत्तर संभल में भी खूब  पत्थरबाजी की गई. एक हजार लोगों की भीड़ ने पत्थरबाजी करके पूरी सड़क पाट दी और ताबड़तोड़ सर्वे टीम और स्थानीय पुलिस पर हमला किए. लगता था जैसे यह पहले ही तय कर लिया गया था कि रविवार की सुबह सर्वे टीम के साथ क्या सुलूक करना है. उपद्रवियों ने जामा मस्जिद के पीछे जमकर पुलिस पर पथराव किय, गाड़ियों में आग लगाई. 

महिला और नाबालिगों को आगे किया गया
पुलिस के मुताबिक, उपद्रवियों की भीड़ में महिला और नाबालिगों को आगे किया गया और सबके हाथ में ईंट-पत्थर थे. पत्थरबाजों ने चेहरे ढक रखे थे और लगभग डेढ़ घंटे तक पथराव किया जाता रहा. ये ढर्रा बिल्कुल वैसा ही जान पड़ता है जैसे कश्मीर में होता रहा था. शाम होने तक संभल में सख्ती इतनी बढ़ी कि शहर में अघोषित कर्फ्यू सी स्थिति हो गई. फिलहाल, संभल जिला प्रशासन ने यहां पर निषेधाज्ञा लागू किया है और बाहरियों का प्रवेश पर 30 नवंबर तक वर्जित किया है. रविवार देर रात जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने जानकारी दी है कि यह आदेश भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के अंतर्गत किया गया. 

कितने लोगों पर केस दर्ज 
संभल में हिंसा मामले में 800 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. वहीं, एकता बिहारी चौकी पर तैनात दारोगा की मैगजीन लूटने और पुलिस कर्मियों पर हमला करने के आरोप में 150 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है. संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान वर्क , सपा विधायक नवाब इकबाल के बेटे के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. 

मस्जिद के सर्वे को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई थी
गौर करने वाली बात है कि 19 नवंबर से ही संभल में तनाव के हालात बने हुए थे. जब कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का पहली बार सर्वेक्षण किया गया था. याचिका में दावा  था कि इस स्थल पर हरिहर मंदिर था. इसी विवाद ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया. सर्वेक्षण दल मस्जिद के पास पहुंचा ही था कि भीड़ ने नारे लगाना शुरू कर दिया. जिला अधिकारियों के मुताबिक सर्वेक्षण मंगलवार को पूरा नहीं हो पाया और दोपहर की नमाज में बाधा न पड़े इसके लिए रविवार को सर्वेक्षण की योजना बनाई गई. फिलहाल की स्थिति कि बात करें तो हालात काबू में बताया जा रहा है.

और पढ़ें- संभल के सियासी खलनायक!, जामा मस्जिद सर्वे पर भड़काऊ बयानबाजी ने धधकती आग को दी हवा 

और पढ़ें- संभल में पुलिस ने दंगाइयों पर गोली चलाई या नहीं ? मुरादाबाद पुलिस कमिश्नर ने बताई पूरी कहानी 

Trending news