Kumbh Mela News: धर्मध्वजाएं न केवल अखाड़ों की परंपरा और संस्कृति को जीवित रखती हैं, बल्कि यह उनके इष्टदेव और आस्था का प्रतीक भी हैं.
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Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में इस समय कुंभ 2025 की तैयारियां चल रही हैं. यहां अलग-अलग अखाड़ों की धर्मध्वजाएं महाकुंभ क्षेत्र में सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं. इन धर्म ध्वजाओं का विशेष महत्व है. दरअसल ये धर्मध्वजाएं अखाड़ों की आन, बान और शान का प्रतीक हैं. अखाड़े किसी भी परिस्थिति में धर्मध्वजा के झुकने को स्वीकार नहीं करते.
आपको बता दें कि "ध्वजा" शब्द का अर्थ है निरंतर गति और ध्वनि करने वाला. अखाड़ों में लहराती यह ध्वजा उनके वर्चस्व, प्रतिष्ठा, बल और इष्टदेव का प्रतीक है. यह राजा का विशेष चिह्न भी माना जाता है, जिसकी प्रतिष्ठा के लिए अखाड़े हर संभव प्रयास करते हैं. महाकुंभ में पेशवाई से पहले सभी अखाड़ों ने अपने शिविर में शुभ मुहूर्त और शुभ दिन पर धर्मध्वजा स्थापित कर ली है. धर्मध्वजा के पास ही अखाड़ों के इष्टदेव की स्थापना की गई है. 52 हाथ ऊंची ये धर्मध्वजाएं चारों दिशाओं की ओर संकेत करती हैं.
निरंजनी अखाड़े की धर्मध्वजा में 52 बंध लगाए गए हैं, जो 52 मढ़ियों का प्रतीक हैं. इन बंधों में एक हाथ का अंतर होता है. शैव अखाड़ों की धर्मध्वजाओं का रंग भगवा होता है. शिव भक्त इन अखाड़ों ने अपनी धर्मध्वजा को चारों दिशाओं से बांध रखा है.
शैव अखाड़ों में भगवा ध्वज: शैव अखाड़ों जैसे महानिर्वाणी, निरंजनी, जूना, अग्नि, आनंद, आवाहन, और अटल अखाड़े में स्थापित धर्मध्वजाओं का रंग भगवा है. जूना अखाड़े की धर्मध्वजा 52 हाथ ऊंची है और यह मढ़ियों का प्रतीक है. यह अखाड़ा चार मढ़ियों में विभाजित है, जो चारों दिशाओं का संकेत देती हैं. धर्मध्वजा का हर कोना किसी दिशा से जुड़ा हुआ है. धर्मध्वजा के पास भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति स्थापित है. निरंजनी अखाड़े की धर्मध्वजा में 52 बंध हैं, जो दशनामी मढ़ियों का प्रतीक हैं. हालांकि, वर्तमान में इनमें से केवल 18 मढ़ियां शेष हैं.
लाल, सुनहला और पंचरंग ध्वज - वैष्णव अनी अखाड़ों की धर्मध्वजाओं के रंग अलग-अलग हैं, लेकिन सभी के इष्टदेव हनुमान जी हैं. निर्वाणी अनी अखाड़े की लाल रंग की धर्मध्वजा पश्चिम दिशा का संकेत करती है और हनुमान जी का प्रतीक है. निर्मोही अनी की सुनहली धर्मध्वजा शांति और शुभता का प्रतीक है, जो पूरब दिशा का संकेत करती है. दिगंबर अनी अखाड़े की पंचरंगी ध्वजा अंगद का प्रतीक है और दक्षिण दिशा का संकेत देती है.
हनुमान जी और पंचदेव का प्रतीक - उदासीन अखाड़ों की धर्मध्वजाओं में हनुमान जी और पंचदेव अंकित हैं. नया पंचायती उदासीन अखाड़े की धर्मध्वजा में भगवान विष्णु का मोरपंख लगाया गया है. मोरपंख भगवान विष्णु के दर्शन कराने का प्रतीक है, जिसमें सभी रंग समाहित होते हैं. निर्मल अखाड़े की धर्मध्वजा का रंग पीला है और यहां के कार्य पंजाबी पद्धति से संपन्न किए जाते हैं.
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