वन राज्य मंत्री के सामने छलका बीजेपी MLA का दर्द-कहा DFO कहते हैं "नो हिंदी" यहां हिंदी जानने वाला अधिकारी चाहिए
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वन राज्य मंत्री के सामने छलका बीजेपी MLA का दर्द-कहा DFO कहते हैं "नो हिंदी" यहां हिंदी जानने वाला अधिकारी चाहिए

Sohagi Barwa Wildlife Sanctuary : भाजपा विधायक प्रेम सागर पटेल ने वन राज्य मंत्री से बोले कि जिले के जो डीएफओ पुष्प कुमार के हैं उनसे जब बात करिए तो कहते हैं नो हिंदी..

वन राज्य मंत्री के सामने छलका बीजेपी MLA का दर्द-कहा DFO कहते हैं "नो हिंदी" यहां हिंदी जानने वाला अधिकारी चाहिए

अमित त्रिपाठी/महराजगंज: सोहगीबरवा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में आज से (15 नवंबर) शुरू हो रहे जंगल सफारी को लेकर वन राज्यमंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना सोमवार को महराजगंज पहुंचे थे. डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने जंगल सफारी से संबंधित वेबसाइट और सेंचुरी से जुड़ी महत्वपूर्ण विषयों पर बनाई गई पुस्तिका का विमोचन किया. इस दौरान जिले के विधायक और वन विभाग से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहे. सिसवा के भाजपा विधायक प्रेम सागर पटेल ने वन राज्य मंत्री से मांग किए कि जिले के जो डीएफओ पुष्प कुमार के हैं उनसे जब बात करिए तो कहते हैं नो हिंदी. उन्होंने मांग किया कि हिंदी जानने वाले डीएफओ को रखे. यहां की भाषा समझने वाला अफसर लाइये जो 'काहो भैया काहो काका समझ सके'. उन्होंने कहा कि यह डीएफओ साउथ इंडिया के हैं इसलिए इस जगह पर जो हिंदी भाषा की जानकारी रखता हो ऐसे आदमी को डीएफओ रखा जाए.

मुझे अंग्रेजी आती नहीं पत्नी अनपढ़ हैं- प्रेम सागर पटेल
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सिसवा के भाजपा विधायक प्रेम सागर पटेल ने वन मंत्री और जिलाधिकारी से कहा कि जिस पत्रिका का विमोचन किया गया है. वह अंग्रेजी में है क्योंकि हिंदी भाषी देश है और हिंदी भाषी राज्य है. इसलिए यह पत्रिका हिंदी में भी होना चाहिए. अंग्रेजी हमें भी नहीं आती है हम भी नहीं पढ़ पाते हैं न हीं मेरी पत्नी को अंग्रेजी आती है लड़का हमारा समझाएगा तब तो समझ में आएगा. बीवी हमारी पढ़ी-लिखी नहीं है तो कैसे हम जानेंगे इसके बारे में.उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि इस पुस्तिका को हिंदी में भी छपवाना चाहिए.

देश के अंतिम छोर पर नेपाल के राष्ट्रीय चितवन पार्क व बिहार के बाल्मिकिनगर टाइगर रिजर्व से सटे महराजगंज जिले की सोहगीबरवा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में ईको टूरिज्म के सपने को आज परवाना मिल जाएगा. वन मंत्री ने उपस्थित लोगों व मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सोहगीबरवा वन्यजीव अभ्यारण्य में पर्यटन की असीम संभावना है.आवश्यकता है कि लोगों के हित में इसका उचित दोहन करते हुए स्थानीय स्तर पर पर्यावरण व विकास को गति देने की है. जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार के नेतृत्व में यहां का प्रशासन इस संभावना को अच्छी तरह अंजाम दे रहा है.
 
बौद्ध टूरिज्म को भी मिलेगा बढ़ावा
वन व पर्यावरण मंत्री अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि सोहगीबरवा में बौद्ध स्थल के रूप में रामग्राम जैसा महत्वपूर्ण स्थल मौजूद हैं, जहां भगवान बुद्ध का आठवां अस्थि स्तूप सुरक्षित है. इससे यहां धार्मिक पर्यटन की भी अच्छी संभावना है. जंगल सफारी जैसे कार्यक्रम से न सिर्फ आर्थिक विकास होता है बल्कि लोगों में पर्यावरण व जंगल के प्रति लगाव पैदा होता है. 

वनटांगिया गांवों में मुफ्त गैस कनेक्शन की होगी व्यवस्था 
वन मंत्री ने कहा कि मुझे आश्चर्य हुआ कि जनपद में पांच एकड़ में फैला एक हेरिटेज पेड़ भी हैं. उन्होंने पेड़ को देखने की उत्सुकता भी व्यक्त की.  जिला प्रशासन को निर्देशित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का विशेष ध्यान वनटांगिया गांवों के विकास पर है.  इसलिए इन गांवों को इस योजना में जोड़ें ताकि वे लोग लाभान्वित हो सकें. उन्होंने कहा कि जंगलों की क्षति दो वजहों से होती है. एक पेड़ों की कटान और दूसरा मानव-जंगली जानवर संघर्ष. कटान की समस्या का प्रमुख कारण जलाऊ लकड़ी है. इसलिए वनटांगिया गांवों में मुफ्त गैस कनेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करें. इसी प्रकार जंगली जानवरों का हमला भी बाहर शौच के समय अक्सर होता है. इसको समाप्त करने के लिए वनटांगिया गांवों में शत-प्रतिशत घरों में शौचालय का लाभ पहुंचाएं. उन्होंने एग्रो-फॉरेस्टिंग को प्रमोट करने के लिए मेड़ पर पेड़ के तहत अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आव्हान किया. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ईको-टूरिज्म से ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को जोड़ें ताकि उनको इन योजनाओं का लाभ हो.

पर्यटकों के लिए जंगल में ट्वाय ट्रेन बन दौड़ेगी देश की पहली ट्राम रेल
वन मंत्री ने ट्राम रेल परियोजना को शीघ्र शुरू करवाने का आश्वासन देते हुए अधिकारियों को इसके लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया. जिलाधिकारी ने बताया कि अंग्रेजी हुकूमत में देश में सबसे पहले ट्राम रेल सोहगीबरवा सेंक्चुरी के जंगल में चली थी. इसके इंजन, बोगी व पटरियां म्यूजियम के रूप में संरक्षित हैं. वन मंत्री ने अफसरों को निर्देश दिया कि प्रोजेक्ट शासन को भेजते समय उसकी एक प्रति उनको भी भेंजे. वह विशेष रूप से सोहगीबरवा सेंक्चुरी के ईको टूरिज्म के कार्य की निगरानी करेंगे. 

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