Sawan Shivratri 2022: 26 जुलाई को सावन की शिवरात्रि, भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां
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Sawan Shivratri 2022: 26 जुलाई को सावन की शिवरात्रि, भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां

Shivratri 2022: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सावन के पवित्र माह का प्रारंभ 14 जुलाई 2022 से हो रहा है. सावन माह को भगवान शिव जी की आराधना का माह भी कहा जाता है. सावन में शिव मंदिरों में आस्था के अनेक रंग देखने को मिलते हैं. जगह-जगह भक्त शिवजी की भक्ति में रंगे नजर आते हैं. इस महीने ही पवित्र कांवड़ा यात्रा निकलती है. 

Sawan Shivratri 2022: 26 जुलाई को सावन की शिवरात्रि, भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां

लखनऊ:  इस महीने में पड़ने वाले सावन सोमवार को लेकर विशेष मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि सावन सोमवार में पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं यदि व्रत रखती हैं तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. यही नहीं यदि कुंवारी लड़कियां इस दिन व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है. उनकी शादी में आने वाली रुकावटें भी दूर हो जाती हैं. सामान्यत: हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि होती है लेकिन सावन की शिवरात्रि की वैदिक काल से विशेष अहमियत है. इस वर्ष सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी. मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि के दिन व्रत रख रुद्राभिषेक करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और संतान सुख की प्राप्ती होती है.

 पूजन सामग्री पहले से रख लें

सावन के दौरान हर सोमवार को आपको पूजा के लिए विशेष पूजन सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी. ऐसे में पहले से ही पूजा के बर्तन, अगरबत्ती, धूपबत्ती, रुई, फूल, पंच मेवा, रत्न, दक्षिणा,  कुशा-दुब, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम की टेरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री पहले से जुटा कर रख लें. सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ कपड़े पहनें.

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पूजा में कुछ सावधानियां जरुर बरतें

शिव जी की पूजा में तुलसी पत्र का उपयोग न करें. अर्थात पूजा के समय भोग लगाते समय तुलसी के पत्ता न डालें. इसके पीछे मान्यता यह है कि तुलसी को भगवान व‌िष्‍णु ने पत्नी रूप में स्वीकार क‌िया है. यही वजह है कि भगवान भोलेनाथ को तुलसी नहीं अर्पित करते हैं. सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि वह इस दिन खट्‌टी चीजें न खाएं. इससे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता. इसी तरह सावन शिवरात्रि की पूजा में महादेव को केतकी का फूल, सिंदूर, हल्दी, कुमकुम अर्पित न करें. शिव पूजा में ये वस्तुएं निषेध हैं. सावन में जलाभिषेक से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं लेकिन जल हमेशा ताबें के बर्तन में डालकर ही चढ़ाएं. पूजा में शिव जी को दूध अर्पित करने के लिए पीतल के लोटे का उपयोग करना चाहिए. वैदिक मान्यताओं के अनुसार सावन मास में मांस और मदिरा का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान पूरी तरह सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. यह आपके भीतर नवीन ऊर्जा का संचार करेगा. 

याद रखें महत्वपूर्ण तिथियां और मुहूर्त

सावन शिवरात्रि तिथि: 26 जुलाई 2022, मंगलवार

सावन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि आरंभ: 26 जुलाई 2022, मंगलवार  शाम (06:46)

सावन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 जुलाई 2022, बुधवार रात (09:11)

सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा अभिषेक करने के लिए शुभ मुहूर्त 26 जुलाई की शाम 07:24 बजे से रात 09:28 तक रहेगा.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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