Stray Animals: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब सड़कों पर सांड और आवारा पशुओं को देखते ही एसडीएम साहब फौरन फोटो क्लिक करने में जुट जाएंगे. जी, हां. सही सुना आपने. आइए जानते हैं क्या है मुद्दा.
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लखनऊ : आवारा पशुओं की समस्या से राहत दिलाने के लिए योगी सरकार ने कमर कस ली है. इसी कड़ी में अफसरों एक खास जिम्मेदारी सौंपी गई है. अधिकारी अब रात 8 बजे से लेकर 11 बजे तक आवारा पशुओं की तलाश करेंगे. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डीएम ने एसडीएम, बीडीओ समेत अन्य अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी है. ड्यूटी के दौरान ये अधिकारी सांड, गाय, बैल, लावारिस बछड़ों की फोटो खींचकर तुरंत सीएमओ को भेंजेगे. फोटो के आधार पर कैटल कैचिंग दस्ते मवेशियों की धर पकड़ करेंगे. इसके बाद मवेशियों को गोआश्रय स्थल ले जाया जाएगा.
यहां आपको बता दें कि इन दिनों यूपी की सियासत में सांड और आवारा पशुओं का मुद्दा छाया हुआ है. यहां तक की पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मुद्दे पर सदन के बाहर और भीतर सरकार को घेर चुके हैं. दरअसल आवारा पशुओं और खास तौर पर सड़क पर घूमते सांड़ की वजह से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. बावजूद इसके स्थानीय नगरीय निकाय उदासीन नजर आते हैं. जबकि आवारा पशुओं का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है.
दो दिन पहले भी अखिलेश यादव ने ट्वीटर में छत में चढ़ गए एक सांड की वीडियो पोस्ट कर राज्य सरकार पर व्यंग किया था.
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अखिलेश यादव ने वीडियो शेयर करते हुए पोस्ट में बुलडोजर का भी जिक्र किया था. पूर्व सीएम की इस पोस्ट की काफी चर्चा हो रही है. अखिलेश यादव ने लिखा, "इसको उतारने के लिए तो हवाई बुलडोजर चाहिए. यूपी सरकार तुरंत ऑर्डर दे."
यूपी विधानसभा के मानसून सत्र में भी अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को उठाया था. अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि कुछ नहीं हो सकता है तो कम से कम 'सांड सफारी' ही बना लें. कुछ दिन पहले पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के काफिले को स्थानीय लोगों ने रोक लिया था. मंत्री को स्थिति से अवगत कराने और आवारा पशुओं के मामले में अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए इस प्रकार का प्रदर्शन किया गया.
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