Rampur Upchunav 2022: इस लोकसभा उपचुनाव में रामपुर ने एक नया रिकॉर्ड बना है. हालांकि, यह खुशी की बात नहीं है, क्योंकि इस बार रिकॉर्ड बना है सबसे कम वोटिंग परसेंट का.. पढ़ें खबर-
Trending Photos
Rampur Lok Sabha By Election: यूपी की 2 सीटों पर बीते दिन लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हुई. इस दौरान रामपुर में एक नया रिकॉर्ड बना. दरअसल, साल 1967 में रामपुर के लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा वोट पड़े. वोटिंग परसेंट 67.16 था. इसके बाद, सबसे कम वोटिंग का रिकॉर्ड इस साल बना है. इस उपचुनाव में रामपुर में कुल 41.01 प्रतिशत ही वोट पड़े हैं.
President Election को लेकर Akhilesh Yadav क्यों हो गए एक्टिव? क्यों उठाया यशवंत को जिताने का जिम्मा
पहला चुनाव 1951 में हुआ...
मालूम हो, 1947 में भारत को आज़ादी मिलने के बाद साल 1951 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. उस समय मौलाना अबुल कलाम आज़ाद कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे. उनके सामने खड़े थे हिंदू महासंघ के प्रत्याशी बिशन चंद्र सेठ. तब मौलाना आज़ाद ने 34,753 वोटों से जीत हासिल की थी और देश के पहले शिक्षा मंत्री बने थे. बता दें, 1951 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में 48.22 प्रतिशत वोट पड़े थे.
सबसे ज्यादा वोट साल 1967 में
गौरतलब है कि साल 2019 तक रामपुर में 17 लोकसभा चुनाव हुए, लेकिन इतना कम वोटिंग परसेंट कभी नहीं बना, जितना इस साल बना है. 2019 के सामान्य लोकसभा में रामपुर की जनता ने खूब वोट किए थे और प्रतिशत 63.26 तक पहुंच गया था. हालांकि, सबसे ज्यादा वोट 1967 में डाले गए थे, जब मतदान प्रतिशत 67.16 रहा था. इस 18वें लोकसभा चुनाव में वोटिंग परसेंट 41.01 ही पहुंच सका है.
लड़की को डायल करना पड़ा 112 नंबर, तब जाकर मंगेतर को शादी के लिये मिली छुट्टी, जानें मामला
कम मतदान प्रतिशत को लेक आजम खान का आरोप
आजम खान ने इस लोकसभा उपचुनाव के मतदान में धांधली का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर सरकार और प्रशासन चाहते तो चुनाव निष्पक्ष होता, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक-एक गली में 500 पुलिस वाले तैनात किए गए. ऐसे में चुनाव निष्पक्ष कैसे हो पाता? आजम खान का कहना है कि वोटर्स को घर से बाहर निकलने ही नहीं दिया गया.
रामपुर में पकड़ी गई फर्जी वोट डालने वाली महिला
लोकसभा उपचुनाव में फर्जी वोट डालने की खबर भी रामपुर से आई थी. यहां के मोहल्ला विशारतनगर में बने बूथ पर दोपहर हुरमतनगर निवासी एक महिला पर फर्जी वोट करने का आरोप लगा था. यहां के पीठासीन अधिकारी ने महिला को उप जिलाधिकारी मयंक गोस्वामी और पुलिस क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार सिंह के हवाले कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि वोटिंग लिस्ट से महिला का मिलान नहीं हुआ, इसलिए उसे वोट करने से रोका गया.
सास-ससुर के कहने पर आई थी वोट डालने
वोटिंग लिस्ट और आधार कार्ड की फोटो दोनों अलग थीं. जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने फ्रॉड कबूल कर लिया कि वह अपनी जेठानी का वोट डालने के लिए ही आई थी. उसने बताया कि अपने सास-ससुर के कहने पर ही वह ऐसा कर रही थी. इसके बाद महिला को हिरासत में ले लिया गया. उप जिलाधिकारी ने जानकारी दी थी कि अब महिला पर कार्रवाई की जाएगी.
24 June History: जानें 24 जून के दिन इतिहास में क्या-क्या विशेष हुआ