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अजीत सिंह/ लखनऊ: उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए योगी सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. यूपी को विकास का एक और तोहफा देने के लिए योगी सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लक्ष्य तय किया है, जिसको और भी तेज गति देने के लिए जीबीसी के लिए लगभग 6.80 लाख करोड़ का प्रोजेक्ट्स तैयार कर लिया गया है. आपको बता दें कि 6 हजार से ज्यादा एमओयू वाले प्रोजेक्ट्स जीबीसी के लिए रेडी भी कर लिए गए हैं. वहीं करीब 1,750 से ज्यादा नॉन एमओयू वाले प्रोजेक्ट्स भी जीबीसी के लिए तैयार हैं.
फरवरी माह में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से रिकॉर्ड तोड़ 38 लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू करने वाली योगी सरकार अब ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के माध्यम से इस निवेश को धरातल पर उतारने के लिए तैयार है. योगी सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए सभी विभागों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसके सापेक्ष अब तक करीब 6.80 लाख करोड़ रुपए के 8 हजार से अधिक प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जो जीबीसी के माध्यम से धरातल पर उतरने के लिए बिल्कुल रेडी हैं.
6 हजार से ज्यादा प्रोजेक्ट्स हैं जिनके एमओयू हो चुके हैं, जबकि करीब 2 हजार प्रोजेक्ट्स नॉन एमओयू वाले भी हैं. कुल मिलाकर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से सरकार उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश को धरातल पर उतारते हुए लाखों रोजगार सृजित करने की ओर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है. योगी सरकार ने करीब 8 हजार एमओयू को जीबीसी के लिए शॉर्टलिस्ट किया है, जिनकी कुल निवेश क्षमता 9 लाख करोड़ से ज्यादा की है. योगी सरकार ने अब तक 26 हजार से ज्यादा एमओयू साइन किए हैं, जिनके माध्यम से 38 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश उत्तर प्रदेश में संभावित है. इसके जरिए प्रदेश में एक करोड़ से भी अधिक रोजगार का सृजन होने की संभावना है.
सर्वाधिक निवेश में अतिरिक्त ऊर्जा और यूपीसीडा सबसे आगे
सरकार की ओर से कुल 33 विभागों को 9 लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए लक्ष्य दिया गया था. इसमें से सर्वाधिक 1 लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू को जीबीसी के लिए रेडी करने में एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी ने सफलता हासिल की है. विभाग ने कुल 503 एमओयू किए थे, जिनकी कुल निवेश क्षमता 8 लाख करोड़ से ज्यादा की थी. विभाग को जीबीसी के लिए 1.25 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष 1.04 लाख करोड़ के 111 प्रोजेक्ट्स ने जीबीसी के माध्यम से निवेश के लिए हामी भर दी है. इस तरह विभाग ने जीबीसी के लिए दिए गए लक्ष्य का 83 प्रतिशत से ज्यादा हासिल कर लिया है. इसी तरह यूपीसीडा ने भी 94 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू को जीबीसी के लिए रेडी कर लिया है. यूपीसीडा ने कुल 625 एमओयू किए थे, जिनकी निवेश क्षमता 3.45 लाख करोड़ से ज्यादा की है. यूपीसीडा को जीबीसी के लिए 2 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें वह अब तक 47 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा है.
नोएडा अथॉरिटी और हायर एजुकेशन भी तैयार
इसी तरह नोएडा अथॉरिटी भी भारी निवेश कराने के लिए तैयार है। उसने 54 हजार करोड़ के 115 प्रोजेक्ट्स को जीबीसी के लिए रेडी कर लिया है. नोएडा अथॉरिटी ने कुल 426 एमओयू किए थे, जिनकी निवेश क्षमता एक लाख करोड़ से ज्यादा की थी. जीबीसी के लिए उसे 90 हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें वह 61 प्रतिशत को हासिल करने में सफल हो चुका है. इसके बाद सर्वाधिक निवेश राशि के मामले में हायर एजुकेशन की बारी आती है, जिसने 51 हजार करोड़ के 257 प्रोजेक्ट्स को जीबीसी में उतारने पर सहमित हासिल कर ली है. हायर एजुकेशन ने कुल 95 एमओयू किए थे, जिनकी निवेश क्षमता 2.63 लाख करोड़ से ज्यादा की है. विभाग को जीबीसी के लिए 62.5 हजार से ज्यादा का लक्ष्य दिया गया था, जिसे वह अब तक 81 प्रतिशत से ज्यादा प्राप्त करने में सफल रहा है. इस क्रम में आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स भी शामिल है, जिसने जीबीसी के लिए 48 हजार करोड़ से ज्यादा के 45 एमओयू को रेडी करने में सफलता प्राप्त की है. वहीं, हॉर्टीकल्चर ने 42 हजार करोड़ के 843 प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी है, जबकि एनर्जी और एमएसएमई ने करीब 38 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को जीबीसी के लिए तैयार कर लिया है.
बेसिक एजुकेशन ने 800 प्रतिशत तक हासिल किया लक्ष्य
जिन विभागों ने जीबीसी के लिए मिले लक्ष्य को 100 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा हासिल किया है, उसमें सबसे पहला नाम बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट का है जिसने करीब लक्ष्य का 900 प्रतिशत हासिल कर लिया है. बेसिक एजुकेशन को जीबीसी के लिए 63 करोड़ का लक्ष्य मिला था, जिसके सापेक्ष उसने 558 करोड़ के 47 प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दे दी है. इसी तरह टेक्निलकल एजुकेशन को 4500 करोड़ का लक्ष्य मिला था, जिसके सापेक्ष उसने करीब 5200 करोड़ के 535 प्रोजेक्ट्स को तैयार कर लिया है, जो 115 प्रतिशत से भी ज्यादा है. केन डेवलपमेंट एंड शुगर इंडस्ट्री ने 1285 करोड़ के प्रोजेक्ट्स के साथ 102 प्रतिशत से ज्यादा, एनर्जी ने 38 हजार करोड़ के साथ 101 प्रतिशत और सिविल एविएशन ने 4 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स को जीबीसी के लिए रेडी करने के साथ 100 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया है.