Atala Violence Case: कोर्ट ने एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष शाह आलम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. जिला न्यायालय ने शाह आलम को जमानत देने से इनकार कर दिया. इसके अलावा हिंसा मामले में आरोपी उमर खालिद की भी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है. अपराध की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने दोनों को जमानत देने से इनकार कर दिया.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: प्रयागराज के अटाला में 10 जून को हुई हिंसा के प्रमुख आरोपी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष शाह आलम समेत फरार तीन आरोपियों को जिला न्यायालय से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने 25- 25 हजार के इनामी फरार एमआईएम के जिला अध्यक्ष शाह आलम, उमर खालिद और आशीष मित्तल की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.
कोर्ट में तीनों अभियुक्तों की तरफ से पेश अधिवक्ताओं का तर्क था कि वे निर्दोष हैं, उन्हें बेवजह फंसाया गया है. लेकिन सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरी ने कहा कि अपराध बेहद गंभीर प्रवृत्त का है. अभियुक्तों द्वारा पुलिस पार्टी पर हमला कराने, आगजनी और धार्मिक विद्वेष फैलाने का आरोप है. सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने कहा कि अभियुक्तों को जमानत देना खतरे से खाली नहीं है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला न्यायालय ने तीनों आरोपियों की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया है. तीनों आरोपियों के खिलाफ प्रयागराज के खुल्दाबाद थाने में 10 जून की रात में एसआई की तरफ से 29 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
वहीं इसी घटना को लेकर प्रयागराज के करेली थाने में दर्ज मामले के तीन अन्य आरोपियों की भी नियमित जमानत को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है. अटाला हिंसा मामले में करैली निवासी मोहम्मद अख्तर, मोहम्मद अनवर और मोहम्मद सैफ की गिरफ्तारी हुई थी. तीनों आरोपी मौजूदा समय में जेल में बंद है. तीनों आरोपियों ने खुद को बेगुनाह बताते हुए जिला न्यायालय में नियमित जमानत अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट में तीनों अभियुक्तों की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि वे घटना में शामिल नहीं है, उन्हें बेवजह फसाया गया है.
सरकार की तरफ से पेश डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरी और अखिलेश सिंह बिसेन ने अभियुक्तों की दलील को बेबुनियाद बताया. सरकारी वकील ने कहा कि अपराधियों ने आगजनी हिंसा करके धार्मिक विद्वेष फैलाया है. अपराध बेहद गंभीर प्रवृत्त का है. अभियुक्तों को जमानत देना खतरे से खाली नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीनों गिरफ्तार अभियुक्तों की भी जमानत को खारिज कर दिया है.
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