Ghaziabad: विवाह के बंधन में बंधे 3003 जोड़े, एक ही पंडाल में हुई हिंदू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध जोड़ों की शादी
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Ghaziabad: विवाह के बंधन में बंधे 3003 जोड़े, एक ही पंडाल में हुई हिंदू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध जोड़ों की शादी

Positive News: गाजियाबाद में एक पंडाल में हुई हिंदू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध जोड़े की शादी. कमला नेहरू नगर ग्राउंड में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना के तहत ये विवाह हुए.

Ghaziabad: विवाह के बंधन में बंधे 3003 जोड़े, एक ही पंडाल में हुई हिंदू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध जोड़ों की शादी

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में एक ही पंडाल में नीचे हिंदू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध जोड़ों की शादी संपन्न हुई. कमला नेहरू नगर ग्राउंड में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना के तहत ये विवाह हुए. इस योजना के अंतर्गत पहले से पंजीकृत श्रमिकों की 3003 बेटियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें हिंदू धर्म के 1850, 1147 मुस्लिम, 3-3 सिख और बौद्ध धर्म के जोड़े शामिल थे. मामला गाजियाबाद का है.

गंगा-जमुनी तहजीब में रंगा हुआ नजर आया पंडाल
दरअसल, इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम को संपन्न कराने के लिए 80 पंडितों, 50 से अधिक मौलवियों को बुलाया गया था. इस आयोजन में 30 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. सरकार की तरफ से दी गई सुविधाओं का लाभ लेने के लिए हापुड़, बुलंदशहर और गाजियाबाद के लाभार्थी मौजूद रहे. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने के लिए मथुरा से कलाकारों को बुलाया गया था. बैंड बाजे के साथ धूम-धाम से  विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ. 

वहीं, पंडाल में एक तरफ वैदिक मंत्रोच्चार चल रहे थे, तो दूसरी ओर कुबूल है, कुबूल है, कुबूल है... की आवाज से वातावरण गंगा-जमुनी तहजीब में रंगा हुआ नजर आया. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री अनिल राजभर, गाजियाबाद से सांसद व केंद्र राज्य मंत्री वीके सिंह और गाजियाबाद मेयर आशा शर्मा सहित जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. 

खाते में भेजे जाते हैं 65 हजार रुपये 
राज्यसभा सदस्य वीके सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत जब किसी श्रमिक द्वारा अपनी पुत्री का विवाह सामूहिक कार्यक्रम में कराया जाता है, तब श्रमिक को 75 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इसमें से 10 हजार विवाह से पहले वर-वधु की पोशाक के लिए दिए जाते हैं. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होने के बाद 65 हजार रुपये उनके खाते में भेज दिए जाते हैं. 

दहेज से जुड़े मामलों में आएगी कमी
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में वर और वधु की ओर से पांच-पांच लोगों को आमंत्रित किया जाता है.अनिल राजभर का यह भी कहना है कि कल अयोध्या में भी सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन है. नवविवाहित जोड़े भी सरकार की इस योजना से काफी खुश नजर आए और इसे योजना को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करते दिखाई दिए. उनका कहना था कि कि इससे दहेज जैसे मामलों में भी कमी आएगी. निकाह पढ़ाने वाले मौलवी ने बताया कि दहेज प्रथा पर इस तरीके के आयोजन से रोक लगाई जा सकती है.

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