DLF Mall Of India: दिल्ली-एनसीआर के सबसे मशहूर डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया को नोएडा अथॉरिटी ने करोंड़ों रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा है. साथ ही पंद्रह दिनों के अंदर रुपये जमा कराने की बात कही है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला.
Trending Photos
नोएडा: अगर आप दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में रहते हैं तो आपने नोएडा का डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया देखा होगा. दूर-दूर से लोग यहां शॉपिंग करने आते हैं. आसपास के इलाकों के लिए यह मॉल आकर्षण का केंद्र होता है, मगर इस मॉल के बनने के पीछे लंबा इतिहास है. सालों तक मॉल की जमीन पर कानूनी विवाद चलता रहा. स्थानीय न्यायालय से लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तब जाकर कहीं मामले का निपटारा हुआ. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी को 295 करोड़ रुपये का हर्जाना तक देना पड़ा.
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया की जमीन पर मालिकाना हक को लेकर विवाद था. पच्चीस सालों तक इस मुकदमा न्यायालय में चलता रहा. इस मामले की शुरुआत साल 1997 में हुई थी. रेड्डी विरन्ना नाम के व्यक्ति ने उस समय एक करोड़ रुपये में नोएडा के छलेरा बांगर गांव में 7400 वर्ग मीटर के दो प्लॉट खरीदे थे. नोएडा अथॉरिटी ने जमीन को कॉमर्शियल बताया और रेड्डी को जमीन का पजेशन नहीं दिया. इसी जमीन पर आज डीएलएफ मॉल बना है. इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा.
स्थानीय कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
स्थानीय अदालत से मामला इलाहबाद हाइकोर्ट पहुंचा और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट. बीते दिनों कोर्ट ने रेड्डी विरन्ना के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने अथॉरिटी को रेड्डी को 295 करोड़ रुपये हर्जाना देने का फैसला सुनाया. इसके बाद नोएडा अथॉरिटी ने डीएलएफ इंडिया को करीब 235 करोड़ रुपये जमा कराने का नोटिस दिया गया. बीते 23 दिसंबर को दिए गए इस नोटिस में 15 दिनों में रुपये जमा कराने की बात कही गई.वहीं, डीएलएफ इंडिया की ओर से कहा गया कि उन्हें ऐसा कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. अगर नोटिस मिलता है तो वे उसका जवाब देंगे.