गडकरी और शिवराज संसदीय बोर्ड और सीईसी से बाहर,जानिए बीजेपी ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला
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गडकरी और शिवराज संसदीय बोर्ड और सीईसी से बाहर,जानिए बीजेपी ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

BJP Team 2024: भारतीय जनता पार्टी में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले संगठनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में पार्टी की सबसे बड़ी निर्णायक संस्था संसदीय बोर्ड और चुनावी रणनीतिक को अंतिम रूप देने वाली केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया गया है. दोनों ही संस्थाओं में कई नये चेहरों को शामिल किया गया है जबकि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दोनों में किसी टीम में जगह नहीं दी गई है.

गडकरी और शिवराज संसदीय बोर्ड और सीईसी से बाहर,जानिए बीजेपी ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को केन्द्रीय चुनाव समिति और केन्द्रीय संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया है. बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी संसदीय बोर्ड और सीईसी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. केंद्रीय चुनाव समिति और केंद्रीय संसदीय बोर्ड में कई नए चेहरों को जगह दी गई है. महाराष्ट्र से गडकरी की जगह देवेंद्र फडणनवीस को जगह दी गई है जबकि मध्यप्रदेश से शिवराज सिंह चौहान की जगह सत्यनारायण जाटिया को केंद्रीय चुनाव समिति में जगह दी गई है.

नई लीडरशिप तैयार करने की कवायद

2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के राजनीतिक कौशल की छाप भारतीय जनता पार्टी के बड़े संगठनात्मक निर्णयों में भी देखने को मिली है. पार्टी पुराने चेहरों पर लंबे समय तक निर्भर रहने के बजाय नई लीडरशिप खड़ी करने पर जोर दे रही है. महासचिव से लेकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की सूची में भी पुराने चेहरों के बजाय नये फेस को वरीयता दी गई है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन स्तर पर बड़े बदलाव कर रही है. कुछ दिन पहले ही पार्टी ने उत्तर प्रदेश के संगठन महामंत्री सुनील बंसल को तेलंगाना, ओड़िसा और पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया वहीं धर्मलाल को प्रदेश संगठन महामंत्री बनाया गया. 

ओबीसी समीकरण पर ध्यान
केंद्रीय चुनाव समिति और केंद्रीय संसदीय बोर्ड में ओबीसी वर्ग के नेताओं की मौजूदगी बढ़ी है. यह पार्टी के लिए ओबीसी वर्ग की अहमियत को बताता है.

किसे और क्यों मिली जगह
जगत प्रकाश नड्डा (भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष) 

नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री)

राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री)- सरकार में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बाद तीसरे नंबर के नेता माने जाते हैं.

अमित शाह (गृह मंत्री)- मोदी कैबिनेट में दूसरे नंबर के नेता, भाजपा के राजनीतिक चाणक्य व हर रणनीति के सूत्रधार हैं.

बी एस येदियुरप्पा (कर्नाटक के पूर्व सीएम)-दक्षिण में भाजपा का कमल खिलाने वाले येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के एक बड़े नेता हैं. पिछले साल बीएस येदियुरप्पा ने आलाकमान के निर्देश पर जिस तरह आसानी से सीएम पद से अलग हुए उसका ईनाम उनका कद बढ़ाकर दिया गया है. 

सर्बानंद सोनोवाल (केंद्रीय मंत्री)- असम में हिमंत बिश्व शरमा को राज्य में मुख्यमंत्री बनाया गया, उस दौरान पार्टी के निर्देशों का पालन किया. चुनाव में जीत के अहम कर्णधार बने थे.

के लक्ष्मण-राज्यसभा सांसद एवं भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष हैं. पिछड़ा वर्ग के लिए मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को बूथ लेवल पर ले जाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

इकबाल सिंह लालपुरा- पूर्व आईपीएस व अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन के रूप में प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते हैं. पंजाब भाजपा के नेता, पंजाब चुनाव के दौरान प्रदेश में भाजपा की रणनीति के सूत्रधार रहे.

श्रीमती सुधा यादव (पूर्व सांसद)
सत्यनारायण जटिया (पूर्व केंद्रीय मंत्री)- लो प्रोफाइल रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं. अनुसूचित जाति वर्ग के बड़े नेता हैं. 

भूपेंद्र यादव ( केंद्रीय पर्यावरण मंत्री)- भाजपा के अहम चुनावी रणनीतिकार में शुमार. राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अक्सर भूपेंद्र यादव का नाम चर्चा में रहता है.

देवेंद्र फडणनवीस (महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री)- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सामान्य वर्ग से आते हैं. हालही में महाराष्ट्र में हुए सत्ता परिवर्तन में पार्टी के निर्देश पर काम किया. जब डिप्टी सीएम का ऑफर नहीं स्वीकार्य किए जाने के कयास लगाये जा रहे थे तब भी पार्टी के निर्देश का पालन किया. केंद्रीय चुनाव समिति में सबसे युवा चेहरे के रूप में शामिल.

ओम माथुर (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष)- कभी उत्तर प्रदेश के संगठन प्रभारी रहे ओम माथुर राजस्थान से आते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा में आए ओम माथुर को काफी समय बाद एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी मिली है.

बीएल संतोष (संगठन मंत्री)-

श्रीमती वनथी श्रीनिवास (पदेन) 

मौजूदा केंद्रीय चुनाव समिति में बिहार के मंत्री शाहनवाज हुसैन और पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव को जगह नहीं मिली है.

संसदीय बोर्ड में इन्हें मिली जगह

केंद्रीय संसदीय बोर्ड भारतीय जनता पार्टी में नीति निर्धारण संबंधी सबसे प्रमुख और शक्तिशाली इकाई है.

जगत प्रकाश नड्डा (भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष) 

नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री)

राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री)

अमित शाह (गृह मंत्री)

बी एस येदियुरप्पा (कर्नाटक के पूर्व सीएम)

सर्बानंद सोनोवाल (केंद्रीय मंत्री)

के लक्ष्मण 

इकबाल सिंह लालपुरा

श्रीमती सुधा यादव

सत्यनारायण जटिया
बीएल संतोष 

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