Neelkanth Mahadev Temple News: याचिका कर्ता के वकील वेद प्रकाश शाहू ने बताया कि हिंदू महासभा की तरफ से सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में याचिका दाखिल की गई है. जिसमें कथित जामा मस्जिद मस्जिद नहीं है बल्कि महादेव का प्राचीन ईशान मंदिर है. इस याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
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अमित अग्रवाल/बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की जामा मस्जिद (Jama Masjid) को नीलकंठ महादेव का मंदिर ( Neelkanth Mahadev Temple ) होने का दावा किया गया है. इसको लेकर सिविल कोर्ट में वाद दायर किया गया है. शुक्रवार को वादी की याचिका पर सिविल कोर्ट के जज ने वाद दायर करने की अनुमति दी है. वहीं, सुनवाई के लिए 9 सितंबर 2022 की तारीख मुकर्रर की गई है, जबकि मस्जिद की इंतजामिया कमेटी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है.
राजा महीपाल का किला व नीलकंठ महादेव का मंदिर होने का दावा
याचिका में पहले पक्षकार स्वयं भगवान नीलकंठ महादेव महाराज बनाए गए हैं, जबकि इनके अलावा अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल निवासी गांव भरकुइयां थाना सिविल लाइंस, अधिवक्ता अरविंद परमार, ज्ञान प्रकाश, डाक्टर अनुराग शर्मा व उमेश चंद्र शर्मा ने कोर्ट में दावा किया है. उन्होंने जामा मस्जिद को राजा महीपाल का किला व नीलकंठ महादेव का मंदिर होने की बात अदालत में दाखिल याचिका में रखी है.
ऐतिहासिक पुस्तकों का दिया गया हवाला
याचिका में वादी ने जहां ऐतिहासिक पुस्तकों में मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने के जिक्र का हवाला दिया है. वहीं, सूचना व जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित कराई जाने वाली पुस्तक में दिए गए इतिहास में भी इस तथ्य के होने का तर्क रखा है. देश पर आक्रमण करने वाले राजाओं के इतिहास के बारे में जानकारियों समेत कई अन्य तथ्य प्रेषित किए हैं.
याचिका कर्ता के वकील वेद प्रकाश शाहू ने बताया कि हिंदू महासभा की तरफ से सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में याचिका दाखिल की गई है. जिसमें कथित जामा मस्जिद मस्जिद नहीं है बल्कि महादेव का प्राचीन ईशान मंदिर है. इस याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
क्या कहना है अखिल भारतीय हिंदू महासभा का?
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के जिला संयोजक मुकेश पटेल ने बताया कि कुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद एलतुत्मिश ने राजा महिपाल को कत्ल कर दिया था. नीलकंठ महादेव के मंदिर को तोड़ कर मस्जिद बनाई थी. यह महादेव शिव का मन्दिर है, जिसकी याचिका हमने दायर की थी, जिसको स्वीकार किया गया है. हमे इस बात की खुशी है.
बताया जाता है कि बदायूं की जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिदों की श्रेणी में शुमार है. यह देश की सातवीं सबसे बड़ी मस्जिद है. दिल्ली की जामा मस्जिद के बाद दश की तीसरी पुरानी मस्जिदों में भी इसे गिना जाता है.
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