Mafia Brajesh Singh bail Challenged In Supreme Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने माफिया बृजेश सिंह (Brajesh Singh) की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है, जिसके मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) के अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: पूर्वांचल के माफिया डॉन बृजेश सिंह (Brajesh Singh) की इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से जमानत को लेकर माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) के अधिवक्ता ने बड़ा बयान दिया है. माफिया मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने कहा है कि न्याय अभी अधूरा है, ऐसे में हम सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. माफिया मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि बृजेश सिंह का 41 मुकदमों का लंबा अपराधिक इतिहास है. बावजूद इसके जमानत मंजूर होना न्यायहित में नहीं है, उन्होंने कहा कि जिस मामले में बृजेश सिंह की हाई कोर्ट ने जमानत मंजूर की है, उसमें तीन व्यक्तियों की मौत हुई थी. मुख्तार अंसारी समेत 11 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. ऐसे में बृजेश सिंह के जेल से बाहर आने पर गवाहों से छेड़छाड़ की आशंका रहेगी. लिहाजा हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.
हाईकोर्ट ने मंजूर की ब्रजेश सिंह की जमानत
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्वांचल के माफिया डॉन ब्रजेश सिंह की जमानत मंजूर कर ली है. माफिया ब्रजेश सिंह के खिलाफ माफिया मुख्तार अंसारी ने जुलाई 2001 में गाजीपुर मोहम्मदाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. ब्रजेश सिंह पर आरोप है कि मुख्तार अंसारी के काफिले पर उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिसमें मुख्तार अंसारी के गनर समेत लोगों की मौत हुई थी. हमले में मुख्तार समेत 11 लोग गोलीबारी में घायल हुए थे. इसी मामले में ब्रजेश सिंह ने जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में करीब सालभर पहले अर्जी दाखिल की थी.
पहली बार ब्रजेश सिंह की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मुकदमे का ट्रायल जिला अदालत 1 वर्ष में पूरा कराए. लेकिन 1 वर्ष के भीतर मुकदमे का ट्रायल पूरा नहीं होने के चलते ब्रजेश सिंह ने दूसरी बार इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. ब्रजेश सिंह की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि अभियुक्त लंबे समय से जेल में बंद है.
हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद भी साल भर में मुकदमे का ट्रायल पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में हाल-फिलहाल मुकदमा के फाइनल स्टेज पर पहुंचने की संभावना भी कम है. लिहाजा उसकी जमानत मंजूर की जाए. ब्रजेश सिंह की जमानत अर्जी का माफिया मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकारी वकील ने विरोध किया. मुख्तार अंसारी के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि अभियुक्त ब्रजेश सिंह का लंबा अपराधिक इतिहास है, उसके जेल से बाहर आने से गवाहों के प्रभावित होने की आशंका रहेगी. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद परिस्थितियों को देखते हुए माफिया ब्रजेश सिंह की जमानत मंजूर करते हुए रिहा करने का आदेश दिया है.
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मुख्तार अंसारी के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में
फिलहाल माफिया ब्रजेश सिंह की जमानत के खिलाफ माफिया मुख्तार अंसारी के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी कर दी है, तो वही पूर्वांचल में सियासी हलचल भी तेज हो चुकी हैस क्योंकि माफिया से माननीय बने ब्रजेश सिंह ने जेल में रहते हुए एमएलसी का चुनाव 2016 में जीता था. ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के दरमियान पूर्वांचल की सियासत में माफिया बृजेश सिंह की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगी.