मुरादाबाद के डॉ. अरविंद गोयल ने गरीबों को दान की 600 करोड़ की दौलत, जानें कौन हैं और क्यों लिया यह फैसला
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मुरादाबाद के डॉ. अरविंद गोयल ने गरीबों को दान की 600 करोड़ की दौलत, जानें कौन हैं और क्यों लिया यह फैसला

Moradabad Dr. Arvind Goyal: मुरादाबाद में रहने वाले डॉक्टर अरविंद कुमार गोयल ने अपनी 600 करोड़ की दौलत गरीबों को दान कर दी है. उन्होंने अपने पास बस एक घर रखा है, जिसमें वो अपने परिवार के साथ रहते हैं. डॉ. गोयल ने यह दान राज्य सरकार को दिया है. उनके इस फैसले में उनके परिवार का भी समर्थन है. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर डॉ. अरविंद गोयल ने ऐसा फैसला क्यों लिया है....

डॉक्टर अरविंद कुमार गोयल

आकाश शर्मा/मुरादाबाद: आज हम आपको देश की एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी भर की कमाई गरीबों और बेसहारा लोगों को दान में दे दी. हम बात कर रहे हैं मुरादाबाद निवासी (Moradabad)  डॉ. अरविंद गोयल (Dr. Arvind Goyal) की. जिन्होंने आज तक ना जाने कितने गरीबों को सहारा दिया. इन्होंने वृद्ध आश्रम से लेकर गरीब और बेसहारा बच्चों के लिए अनाथ आश्रम बनवाए. डॉ. गोयल ने अपनी कमाई का एक-दो परसेंट नहीं बल्कि पूरी 600 करोड़ की संपत्ति सरकार को दान कर दी. ताकि वह गरीबों के काम आ सके. उन्होंने अपने पास केवल एक घर रखा, जो मुरादाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित है. उसी घर में डॉ. गोयल अपने परिवार के साथ रहते हैं. इस पुण्य के काम में उनके परिवार ने भी पूरा साथ दिया. 

कोरोना काल में गरीब और बेसहारा लोगों की मदद की थी 
देश में डॉ. अरविंद गोयल के 200 से अधिक शिक्षण संस्थान हैं. इसके साथ ही अलग-अलग शहरों में बच्चों के लिए अनाथालय, वृद्ध आश्रम और अस्पताल बनाए गए हैं. जिनके डॉ अरविंद खुद ट्रस्टी हैं. बता दें कि कोरोना के दौरान भी उन्होंने आगे बढ़कर गरीबों के लिए बड़ा काम किया था. कोरोना काल में उन्होंने 50 गांवों को गोद लेकर उनके पालन-पोषण का जिम्मा उठाया था. इतना ही नहीं उनकी दवाओं का भी जिम्मा उन्होंने खुद ही उठाया. 

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स्वतंत्रता सेनानी थे माता-पिता 
डॉ. गोयल के पारिवार की बात करें तो उनकी माता शकुंतला देवी और पिता प्रमोद कुमार स्वतंत्रता सेनानी थे. संपत्ति दान करने को लेकर डॉक्टर अरविंद गोयल ने मीडिया में एक किस्सा भी बताया. जिसकी वजह से उन्होंने 25 साल पहले ही गरीबों के नाम अपनी संपत्ति दान करने की सोच ली थी. डॉ. गोयल ने बताया कि 25 साल पहले जब वह ट्रेन से सफर पर जा रहे थे तब उन्होंने एक गरीब व्यक्ति को ट्रेन में देखा. ठंड का मौसम था, लेकिन उस व्यक्ति के पास न तो कोई कंबल था ना चादर थी. यहां तक कि उसके पास चप्पल भी नहीं थी. 

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ऐसे में डॉ. गोयल ने अपने जूते उतार कर उस शख्स को दे दिए. लेकिन थोड़ी देर बाद ठंड की वजह से उनको भी तकलीफ होने लगी और सामने वह व्यक्ति भी ठंड में परेशान था. डॉ. गोयल ने आगे बताया कि बस उसी दिन मैंने सोचा कि इस व्यक्ति जैसे जाने कितने लोग होंगे, जो इस तरह की दशा में जीवन व्यतीत करते होंगे. तभी से मैंने गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करनी शुरू कर दी. इसलिए मैंने अपनी सारी संपत्ति सही हाथों में दान कर दी ताकि यह गरीब और बेसहारा लोगों के काम आ सके. 

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4 बार मिल चुका राष्ट्रपति सम्मान 
समाज सेवा और दयालु दिल के चलते डॉ. अरविंद गोयल को 4 बार राष्ट्रपति सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति सम्मान से डॉ. अरविंद गोयल को सम्मानित कर चुके हैं. 

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