Monkey Terror in Mathura: मथुरा-वृंदावन में बंदरों का आतंक कम नहीं हो रहा है. डीएम के चशमे के बाद मंगलवार को एक शरारती बंदर ने दारोगा की टोपी लेकर भाग गया. इसके बाद बंदर की तस्वीर खींचने और वीडियो बनाने का सिलसिला भी शुरू हो गया.
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Monkey Terror in Mathura: मथुरा-वृंदावन में बंदरों का आतंक दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है. पहले स्थानीय और बाहर से आए श्रद्धालु बंदरों से परेशान थे, आला आधिकारी उनके आतंक से परेशान हैं. रविवार को बांके बिहारी मंदिर निरीक्षण के लिए पहुंचे डीएम नवनीत सिंह चहल का चश्मा उतार ले जाने के बाद मंगलवार को भी एक बंदर दारोगा शैलेंद्र शर्मा की टोपी लेकर गेट नंबर एक के छज्जे पर जा बैठा. इसके बाद पुलिस वाले नीचे से टोपी लौटाने का इंतजार करते रहे.
दारोगा शैलेंद्र शर्मा इस समय थाना जैंत इलाके की चौकी आझई पर पोस्टेड हैं. मंगलवार को जब ड्यूटी पर थे, तभी एक शरारती बंदर आया और उनकी टोपी लेकर भाग गया. बंदर मंदिर के छज्जे पर जा बैठा. इस दौरान बंदर की तस्वीर खींचने और वीडियो बनाने का सिलसिला भी शुरू हो गया. हालांकि जिन दारोगा की टोपी बंदर ने उठाई थी, वे मौके पर नजर नहीं आ रहे थे. बता दें कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के आसपास बंदरों की तरह-तरह की हरकतें आए दिन सामने आती रहती हैं.
रविवार को बांके बिहारी मंदिर के पास स्थित एक संकरी गली में डीएम नवनीत सिंह चहल हादसे से संबंधित छानबीन कर रहे थे. इस दौरान वह अधिकारियों से बात करने लगे, तभी अचानक एक बंदर उनका चश्मा लेकर भाग खड़ा हुआ. इसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई. बंदर डीएम का चश्मा लेकर इधर-उधर उछलता-कूदता रहा. काफी मशक्कत के बाद बंदर ने उनका चश्मा छोड़ा. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था.
अखिलेश ने ली थी चुटकी
डीएम के साथ हुए इस वाकए पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुटकी भी ली थी. अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा कि बंदर ने सोचा जब भाजपा के शासन में प्रशासन को चश्मा लगाकर भी कुछ नहीं दिखता है तो चश्मे का क्या काम.'' इसी के साथ अखिलेश यादव ने वीडियो भी शेयर किया है.