Mobile Addiction in Children: कोरोना काल में लोगों को घरों में ही रहना पड़ा. इसके चलते मोबाइल ने हर वर्ग को प्रभावित किया. बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहे. यही वजह है कि आज बच्चे दिनभर मोबाइल में चिपके रहते हैं. इसका असर उनकी मानसिक सेहत पर पड़ रहा है.
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Mobile Addiction in Children: कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई मोबाइल पर हुई. इसके बाद से बच्चों में मोबाइल की लत बढ़ती जा रही है. छोटे-छोटे बच्चे भी अब मोबाइल के गिरफ्त में आ रहे हैं. ऐसे में इन बच्चों में मोबाइल एडिक्ट का शिकार हो सकते हैं. समय रहते अगर इन बच्चों का इलाज नहीं किया गया तो उन्हें कई तरह के मानसिक रोग हो सकते हैं.
बच्चों को मोबाइल से दूर रखें
दरअसल, कोरोना काल में लोगों को घरों में ही रहना पड़ा. इसके चलते मोबाइल ने हर वर्ग को प्रभावित किया. बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहे. यही वजह है कि आज बच्चे दिनभर मोबाइल में चिपके रहते हैं. इसका असर उनकी मानसिक सेहत पर पड़ रहा है. अगर आपके बच्चे को भी ऐसी शिकायत है तो बच्चों को मोबाइल से दूर रखें.
किताबों के प्रति रुचि बढ़ाएं
जानकारों का कहना है कि मोबाइल की जगह बच्चों को पढ़ने की आदत डालने के लिए उनके हाथ में किताबें दें. उन्हें किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करें. इतना ही नहीं उन्हें नई चीजे सीखने के लिए रुचि बढ़ाएं. अगर हो सके तो बच्चों को उनकी रुचि की किताबें दिलाएं. ऐसे में वह किताबों के प्रति प्रेरित होंगे. उनसे किताबों के बारे में चर्चा करते रहें.
बच्चों के साथ समय बिताएं
इसके अलावा एक जो सबसे बेहतर तरीका हो सकता है, वह है उन्हें आउटडोर गेम के लिए ले जाएं. उन्हें अपने दोस्तों के साथ बाहर खेलने दें. बच्चों को कबड्डी, खो-खो, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल जैसे कई गेम खेलने के लिए प्रेरित करते रहें. अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा फोन न देखे तो उसके लिए जरूरी है कि आप उसके साथ थोड़ा समय जरूर बिताएं.
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