Guinness World Record: मेरठ के जौहरी ने हजारों हीरों से जड़ी बेशकीमती घड़ी तैयार की, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
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Guinness World Record: मेरठ के जौहरी ने हजारों हीरों से जड़ी बेशकीमती घड़ी तैयार की, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

Guinness World Record: मेरठ के जौहरी ने अनोखी घड़ी बनाकर गिनीज वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. 

Guinness World Record: मेरठ के जौहरी ने हजारों हीरों से जड़ी बेशकीमती घड़ी तैयार की, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

Guinness World Record: यूपी में मेरठ के एक जौहरी ने न केवल देश बल्कि प्रदेश का गौरव भी बढ़ाया है. जौहरी ने अनोखी बेशकीमती घड़ी (Diamond Watch) बनाकर गिनीज वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है. मेरठ के इस जौहरी की हर तरफ तारीफ हो रही है. इस घड़ी को देखकर हर कोई अचम्भित हो रहा है. 

हीरे जड़े घड़ी ने दुनिया में दिलाई पहचान 
दरअसल मेरठ के रहने वाले हर्षित बंसल ने एक ऐसी घड़ी बनाई है जिसमें 17,524 प्राकृतिक और हाथ से तराशे गए हीरे जड़े हैं. इसका नाम श्रीनिका रखा है. श्रीनिका ने 'मोस्ट डायमंड्स सेट ऑन ए वॉच' का खिताब हासिल किया है. यही वजह है कि हर्षित बंसल का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया है. 

पूर्व में यह था रिकॉर्ड 
बताया गया कि इससे पहले एक घड़ी में 15,858 हीरे से जड़ने का रिकार्ड आरोन शम ज्वैलरी लिमिटेड हांगकांग के नाम दर्ज था. उसने 2018 में घड़ी में 15,858 हीरे जड़कर यह रिकार्ड बनाया था. अब यह नया रिकार्ड 29 दिसंबर 2022 से यूपी के मेरठ के सर्राफा रेनानी ज्वैलर्स के नाम दर्ज हो गया है. घड़ी निर्माता का नाम हर्षित बंसल है. 

एक साल से ज्‍यादा का समय लगा इसे बनाने में 
हर्षित बंसल ने बताया कि श्रीनिका को बनाने में करीब एक साल का समय लगा है. इसमें उनकी टीम और परिवार ने पूरा साथ दिया है. इसकी  डिजाइन की शुरुआत हाथ से बनाए गए रेखाचित्रों से हुई थी. इसमें इसमें 17,512 सफेद हीरे और 12 काले हीरे जड़े गए हैं. खास बात यह है कि ये सभी हीरे विवाद से परे हैं. 

भारतीय कला को बढ़ावा देने में करेगी मदद 
हर्षित बंसल ने बताया कि श्रीनिका का अर्थ फूल होता है. यह फूल भगवान विष्णु के हृदय में है. यह माता लक्ष्मी का भी प्रतीक है. ये घड़ी ब्रह्मांड में एकमात्र ऐसी घड़ी है जो इस ग्रह पर सबसे दुर्लभ होगी. यह घड़ी प्राचीन भारतीय पौराणिक कथाओं से प्रेरित है. इससे हमें दुनियाभर में भारतीय कला को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने में मदद मिली है. 

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