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लखनऊ: आगामी 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत लिए गांवों की चर्चा शुरू हो गई है. आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा सीट से सांसद और देश के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा गोद लिए सांसद आदर्श ग्राम की. जी हां हम बात कर रहे हैं लखनऊ के बेंती गांव की. जिसे रक्षा मंत्री ने गोद लिया था. आइए आपको बताते हैं कितनी बदली गांव तस्वीर.
लखनऊ से लगभग 35 किलोमीटर दूर
आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर बेंती गांव बसा है. अगर आबादी की बात करें तो गांव की तकरीबन 5000 की आबादी हैं. बता दें कि इस गांव को साल 2014 में गोद लिया गया था. आइए जानते हैं इस गांव की कितनी तस्वीर बदली. खुद गांव के लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए जाने के बाद गांव कितना आदर्श हुआ.
6 दिसम्बर साल 2014 में गांव को लिया गया था गोद
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद 6 दिसम्बर 2014 राजनाथ सिंह ने इस गांव को गोद लिया. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने जिस दिन गांव को गोद लिया, उससे पहले वो कभी भी उस गांव में नहीं गए थे. हालांकि, गोद लिए जाने के बाद गांव में कई विकास के काम भी हुए हैं. अपवाद के तौर पर एक दो सड़को को छोड़ दिया जाए, तो सभी सड़क बन चुकी हैं. फिलहाल, गांव के लोग की मानें गांव में कुछ समस्याएं अभी भी हैं, जिन्हें दूर कराने की आवश्यकता है.
दरअसल, बेती गांव में अब भी सरकारी स्कूल सिर्फ दसवीं तक है. ऐसे में गांव के किसी भी लड़के-लड़की को अगर आगे की पढ़ाई करनी होती है, तो उसे गांव से 27 किलोमीटर दूर राजधानी आना पड़ता है. ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि आगे की पढ़ाई के लिए गांव में ही स्कूल खुलना चाहिए. हालांकि, गांव में बैंक खुल गया है, जिससे लोगों को काफी राहत है. रक्षामंत्री द्वारा गोद लिए बेंती गांव में बैंक की स्थापना, सड़कों का पक्कीकरण, नाली का निर्माण, विद्युतीकरण, ट्यूबबेल की स्थापना जैसे विकास के काम कराए जा चुके हैं.
लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को दिल्ली के लालकिले से 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' का शुभारम्भ किया था. इसमें केंद्र सरकार के हर सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र का एक गांव गोद लेने की योजना थी. ऐसे में बेंती गांव के लोगों का मानना है कि बिजली की समस्या बिल्कुल खत्म हो गयी है, लेकिन पानी की लीकेज की समस्या अभी भी बनी हुई है. अगर इसका समाधान हो जाता तो बेहतर होता.
युवाओं की ये है मांग
आपको बता दें कि स्कूली बच्चे गांव में लाइट आने से बेहद खुश हैं, वो रात में लाइट के नीचे अपनी पढ़ाई भी करते हैं. पूरे गांव मे सोलर पैनल और सोलर लाइट लगाई गई है. साल 2014 से पहले गांव में ऐसे कोई सुविधा नहीं थी. इस गांव के विकास के लिए गांव में एक पोस्ट आफिस भी खुल गया है. इससे गांव वालों को बहुत आराम है. इस दौरान गांव के युवा गांव के विकास से संस्तुष्ट नजर आए, लेकिन उनकी मांग थी कि गांव में एक खेल का मैदान होना चाहिए. हालांकि, सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बेंती गांव की तस्वीर अच्छी है, लेकिन अभी भी इस गांव को कई योजनाओं की दरकार है.