Vice President Election 2022: विपक्ष ने उपराष्ट्रपति पद के साझा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता Margaret Alva के नाम की घोषणा कर राजनीतिक पंडितों को चौका दिया है. अल्वा कांग्रेस पार्टी में महासचिव जैसे बड़े पदों पर रह चुकी हैं. यही नहीं केंद्रीय मंत्री के अलावा उनके नाम एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे उत्तराखंड के लोग आज भी याद करते हैं.
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Vice President Election 2022: देहरादून: विपक्ष की तरफ से 17 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में मार्गरेट अल्वा के नाम की घोषणा की गई है. विपक्ष की ओर से एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने उनके नाम का ऐलान किया. पवार ने कहा है कि सर्वसम्मति से लिये गये निर्णय में 17 विपक्षी दल शामिल हैं. अल्वा मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगी. मार्ग्रेट अल्वा (Margaret Alva) कांग्रेस की दिग्गज नेता रही हैं. वह पूर्व में केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल रह चुकी हैं.
गांधी परिवार की करीबी रहीं अल्वा
अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मैंगलोर में हुआ था. वह कांग्रेस संगठन में महासचिव जैसे बड़े पद पर रह चुकी हैं. 1975 में उन्हें कांग्रेस पार्टी ने महासचिव नियुक्त किया गया. एनडीए की ओर तय किये गए उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से उनका मुकाबला होगा.
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उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं
अल्वा की पढ़ाई कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में हुई. 24 मई 1964 में उनकी शादी निरंजन अल्वा से हुई. उनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं. निरंजन अल्वा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और भारतीय संसद की पहली जोड़ी जोकिम अल्वा और वायलेट अल्वा के बेटे हैं. कांग्रेस की तेज तर्रार नेताओं में शुमार अल्वा 1974 में पहली बार राज्यसभा की सदस्य चुनी गईं. उन्होंने छह-छह साल के चार कार्यकाल लगातार पूरे किए. इसके बाद वह 1999 में उत्तर कन्नड लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुईं. उन्हें 1984 में संसदीय कार्य राज्यमंत्री और बाद में युवा मामलों और खेल, महिला एवं बाल विकास के प्रभारी का दायित्व मिला. 1991 में उन्हें कार्मिक, पेंशन, जन अभाव अभियोग और प्रशासनिक सुधार राज्यमंत्री का पोर्टफोलियो दिया गया था.
अल्वा उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल रही हैं. उनका कार्यकाल 6 अगस्त 2009 से 14 मई 2012 तक रहा. अल्वा ने उत्तराखंड में राज्यपाल पद पर बनवारी लाल जोशी की जगह ली थी. राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है. 11 सितंबर 2011 को उन्होंने बीसी खंडूरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी. उत्तराखंड के तत्कालिन सीएम रमेश पोखरियाल निशंक के साथ भी उनके संबंध काफी सौहार्दपूर्ण रहे. उत्तराखंड के अलावा वह राजस्थान और गोवा समेत कई राज्यों की राज्यपाल का दायित्व निभा चुकी हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना पांच जुलाई को जारी हो चुकी है. उम्मीदवार इसके लिए 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं. चुनाव के लिए आयोग ने छह अगस्त की तारीख तय की है. देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
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