Kharmas 2022: एक महीने तक नहीं बजेंगी शहनाई, जानें क्यों नहीं होंगे शादी-विवाह! खरमास में भूलकर भी न करें ये काम
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Kharmas 2022: एक महीने तक नहीं बजेंगी शहनाई, जानें क्यों नहीं होंगे शादी-विवाह! खरमास में भूलकर भी न करें ये काम

Kharmas 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब ग्रहों के राजा सूर्य, देव गुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि धनु या मीन में गोचर करते हैं, तो यह अवधि खरमास कहलाती है. इस दौरान शादी और विवाह पर रोक लग जाती है.

 

 

 

प्रतीकात्मक फोटो

Kharmas 2022: 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास का महीना लग रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार खरमास महीने में शादी विवाह मांगलिक कार्य नहीं होते हैं.  यानी 1 महीने तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस काल में किसी तरह के शुभ मुहुर्त भी नहीं निकाले जाते.अगले साल 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन जब सूर्य मकर राशि में संचरण करेंगे तब खरमास का समापन होगा. 

खरमास के दौरान नहीं करें ये कार्य

न करें तामसिक भोजन
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि व्यक्ति को तामसिक भोजन (लहसुन, प्याज), मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए और शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए.

नहीं किया जाता निर्माण कार्य
खरमास के दौरान निर्माण कार्य भी शुरू नहीं करना चाहिए.  इस मास में बनाए गए घर में रहने से व्यक्ति को कभी भी सुख-समृद्धि नहीं मिलती है.

तांबे के बर्तन में सेवन न करें
खरमास के दौरान तांबे के बर्तन में रखे हुए भोजन या फिर पानी का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. हिंदू धर्म में कहा गया है कि इसका असर सेहत पर बुरा पड़ता है.

मांगलिक कार्य करने की मनाही
खरमास के दौरान मांगलिक कामों को करना मना होता है.  इस मास में मुंडन, छेदन, गृह प्रवेश, शादी विवाह जैसे कार्य बिल्कुल नहीं किए जाते हैं.

नया बिजनेस न करें शुरू
खरमास के दौरान किसी भी नए कार्य, Business की शुरुआत बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इन दिनों किए गए काम सफल नहीं होते हैं.

नहीं खरीदें कोई नया वाहन
मलमास के दौरान कोई नई चीज जैसे वाहन, घर, प्लाट, ज्वेलरी नहीं खरीदनी चाहिए.

कैसे लगता है खरमास?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं. सूर्य जब धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तो इन्हें क्रमश: धनु संक्रांति और मीन संक्रांति कहा जाता है. सूर्य जब धनु व मीन राशि में रहते हैं, तो इस अवधि को मलमास या खरमास कहा जाता है. इसमें शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं.

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