Kanpur Pet Registration: लखनऊ के कैसरबाग में हुए पिटबुल अटैक केस के बाद से ही प्रदेश के कई जिलों में प्रशासन अलर्ट हो गया और पालतू कुत्तों को लेकर नियम सख्त कर दिए गए. अब कानपुर से खबर आ रही है कि अगर किसी ओनर ने अपने डॉग का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो डॉग को जब्त भी किया जा सकता है. इसी के साथ फीस भी बढ़ा दी गई है. पढ़ें खबर-
Trending Photos
श्याम जी तिवारी/कानपुर: लखनऊ में पिटबुल हादसे के बाद सभी जिला प्रशासन अब सतर्क हो गए हैं. इसी बीच कानपुर से खबर आ रही है कि जो भी पालतू कुत्ता रखना चाहता है, उसे अब रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यानी कि अब अगर आप कानपुर के रहने वाले हैं और कुत्ते पालने का शौक रखते हैं तो जान लें कि आपकी जेब ढीली होने वाली है और कानपुर नगर निगम अब कुत्ते पालने वालों से सालाना टैक्स वसूलने जा रहा है.
फॉरेन ब्रीड के लिए सालाना फीस 500 रुपये
कानपुर नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके निरंजन ने जानकारी दी है कि जो भी विदेशी ब्रीड है, उसमें एक कुत्ते की फीस 500 रुपये प्रति साल है और अगर भारतीय नस्ल का डॉग है, तो उसमें 300 रुपये सालाना फीस निर्धारित की गई है. बता दें कि अभी तक कुत्तों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहा था, जिसमें 225 डॉग्स का पंजीकरण हुआ है. हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने में असुविधा आ रही है. इसलिए ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है.
रजिस्ट्रेशन न होने पर जब्त हो सकता है डॉग
नगर निगम की तरफ से जानकारी दी जा रही है कि अगर आप कुत्ते का पालन कर रहे हैं, तो उसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर कुत्ते के मालिकों से जुर्माना वसूला जाएगा. इतना ही नहीं, नगर निगम कुत्ते को जब्त भी कर सकता है. डॉ. आरके निरंजन ने बताया कि लखनऊ में खूंखार पालतू कुत्ते के द्वारा महिला की हत्या के बाद कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे मैं यदि कोई व्यक्ति अगर डॉग ओनर के खिलाफ शिकायत करता है और कुत्ते का रजिस्ट्रेशन नगर निगम में नहीं होता, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गोरखपुर और मीरजापुर में भी बदले नियम
आपको बता दें, इससे पहले मीरजापुर में भी डॉग रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ा दी गई और गोरखपुर में कुत्ते पालने को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन्स के बारे में जानने के लिए पढ़ें यह खबर-
लखनऊ में पिटबुल लाइसेंस पर लगी अस्थाई रोक
कैसरबाग हादसे के बाद नगर निगम ने बड़ा फैसला लेते हुए पिटबुल के लाइसेंस पर अस्थाई रोक लगाई. नगर निगम के मुताबिक, सर्वे के बाद ही विदेशी नस्ल के कुत्तों का लाइसेंस बनाया जाएगा. ट्रेनिंग, टीके और बर्ताव के सर्वे के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा.
लखनऊ में हुआ था दर्दनाक हादसा
हाल ही में लखनऊ में एक 82 साल की रिटायर्ड टीचर सुशीला त्रिपाठी को उनके ही पेट डॉग पिटबुल ने नोच-नोचकर मौत के घाट उतार दिया. अब ब्राउनी नाम के उस पिटबुल को स्वान गृह में रखा गया है और 14 दिन बाद रिलीज़ किया जाएगा.
Presidential Election 2022: कार्यकाल खत्म होने के बाद कहां रहते हैं राष्ट्रपति, क्या मिलती हैं सुविधाएं.. जानिए यहां