हाय रे प्रशासन! अफसरों ने कागजों पर मृत घोषित किया, खुद को जिंदा होने के लिए 3 साल से दे रहे सबूत, सिस्‍टम है कि सुन ही नहीं रहा
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हाय रे प्रशासन! अफसरों ने कागजों पर मृत घोषित किया, खुद को जिंदा होने के लिए 3 साल से दे रहे सबूत, सिस्‍टम है कि सुन ही नहीं रहा

Shocking News : कानपुर देहात के ब्लॉक मालासा क्षेत्र के ए‍क किसान को सचिव ने कागजों में मृत घोषित कर दिया. इसकी वजह से बुजुर्ग किसान को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है

हाय रे प्रशासन! अफसरों ने कागजों पर मृत घोषित किया, खुद को जिंदा होने के लिए 3 साल से दे रहे सबूत, सिस्‍टम है कि सुन ही नहीं रहा

आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात : कानपुर देहात के जिम्‍मेदार अफसरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. एक बुजुर्ग किसान को अधिकारियों ने कागजों पर मृत घोषित कर दिया है, अब वह किसान खुद को जीवित साबित करने के लिए सालों से अधिकारियों के चौखट के चक्कर काट रहा है. बुजुर्ग किसान खुद को जीवित साबित करने के लिए तहसील के अधिकारियों से लेकर डीएम तक से गुहार लगा चुका है, लेकिन आधिकारी इस बात को लगातार नजरअंदाज करते आ रहें. 

योजनाओं का लाभ न मिलने पर हुआ खुलासा 
दरअसल, कानपुर देहात के ब्लॉक मालासा क्षेत्र के ग्राम सिथरा बुजुर्ग निवासी राम अवतार को सचिव ने कागजों में मृत घोषित कर दिया. इसकी वजह से बुजुर्ग किसान को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जब कई महीनों से उसको किसान सम्मान निधि और वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली तो उसने अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर काटना शुरू कर दिया. काफी समय तक चक्कर काटने के बाद पता चला कि कागजों में उन्‍हें मृत घोषित कर दिया गया है. इसकी वजह सभी सरकारी सुविधाएं रुकी हुई हैं.  

तहसील से लेकर डीएम दफ्तर तक चक्‍कर लगाने को मजबूर किसान 
जैसे ही किसान ने खुद को मृत होने की बात सुनी तो वह परेशान हो गया और उसने फिर से तमाम अधिकारियों के पास खुद को जिंदा साबित करने के लिए चक्कर काटना शुरू कर दिया. तहसील से लेकर जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय तक उसने खूब दौड़ भाग की, लेकिन अधिकारियों ने इस पूरे मामले को नजरअंदाज कर दिया. इसके बाद उसने कानपुर के आयुक्त से शिकायत की. पूरे मामले में अपर आयुक्त प्रशासन प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने सीडीओ को जांच कराने के साथ दोषी पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. 

मंडला आयुक्‍त ने दिए थे जांच के आदेश
मामले में काफी समय बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो राम अवतार ने दोबारा शिकायत मंडल आयुक्त डॉ. राजशेखर से की. इस पर आयुक्त ने डीएम और सीडीओ को जांच कराने के साथ दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई कर 15 दिसंबर तक रिपोर्ट तलब की थी. इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडे ने पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन आज तक ना तो जांच का पता है ना क्या कार्रवाई हुई. 

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