कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जले, गांव वालों ने अफसरों को खदेड़ा
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कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जले, गांव वालों ने अफसरों को खदेड़ा

कानपुर देहात में अतिक्रमण विरोधी मुहिम के दौरान इस कदर हंगामा हुआ कि मां और बेटी जिंदा जल गए. फिलहाल आग लगने की घटना कैसे हुई है, इसकी पुलिस जांच कर रही है.

कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जले, गांव वालों ने अफसरों को खदेड़ा

कानपुर देहात: जनपद में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जल गए. बताया जा रहा है कि प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था, जिस घर को गिराया जा रहा था वो लोग मौके पर प्रदर्शन कर रहे थे. यहां पर प्रदर्शनकारियों ने खुद को आग लगाने की धमकी भी दी. कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जल गए. बताया जा रहा है कि प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था, जिस घर को गिराया जा रहा था वो लोग मौके पर प्रदर्शन कर रहे थे. यहां पर प्रदर्शनकारियों ने खुद को आग लगाने की धमकी भी दी. आग लगते ही एसडीएम के साथ प्रशासनिक अफसरों और पुलिस की टीम को ग्रामीणों ने दौड़ा लिया. मामले की जानकारी मिलते ही कानपुर के एडीजी समेत अन्य अफसर भी मौके पर पहुंचे हैं.गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है.

बताया जा रहा है कि कानपुर देहात मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी. सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे. आरोप है कि टीम ने जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया.इससे छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (21) की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई. जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए.

मामले में पीड़ित परिवार का कहना है कि एसडीएम, तहसीलदार, गांव के अशोक दीक्षित और अनिल दीक्षित के साथ कई और लोग सोमवार को हमारी झोपड़ी पर आए थे. वो लोग बोले झोपड़ी में आग लगा दो. जिसके बाद हमारी झोपड़ी में आग लगा दी गई, तब हम लोग अंदर ही थे.

पीड़ित परिवार का आरोप है कि हम लोग बहुत मुश्किल से निकल पाए. गांव का गौरव दीक्षित नाम का युवक दिल्ली में नौकरी करता है. वह लेखपाल और एसओ से मिला हुआ है. उसी ने इन लोगों के साथ मिलकर पैसा देकर हमारी झोपड़ी गिरवा दी है. इन लोगों ने हमारा मंदिर भी तोड़ दिया. मेरी बेटी और पत्नी को मार दिया है.

एसपी ने ली जानकारी

मामले में कानपुर देहात के एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने घटना स्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने कहा, मौके पर एसडीएम व अन्य प्रशासनिक कर्मचारी अवैध कब्जे को हटाने के लिए आए थे. इस दौरान कुछ लोग अवैध कब्जा न हटाए जाने का विरोध कर रहे थे. इसी दौरान महिला और उनकी बेटी भी विरोध कर रही थी.
विरोध करते-करते उन दोनों ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया. थोड़ी देर के बाद झोपड़ी के अंदर आग लग गई, जिसमें महिला और उनकी बेटी की मौत हो गई है. आग लगने का कारण पता लगाया जा रहा है. घटना में कुछ लोग और लेखपाल का नाम सामने आ रहा है. इस मामले में जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई होगी.

अफसरों ने भाग कर बचाई जान
हादसे की जानकारी मिलते गांव के सैकड़ों लोग जमा हो गए और पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को दौड़ा लिया. अफसर गांव से अपनी जान बचाकर भाग निकले. 

ये था जमीनी विवाद
मड़ौली गांव निवासी गेदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ आबादी की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी. इस पर 13 जनवरी 2023 को एसडीएम मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर, लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान ढहा दिया था. 14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा शालिनी व विहिप नेता आदित्य शुक्ला तथा गौरव शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. मौजूदा समय में वह लोग कच्चा छप्पर रखकर वहां पर रह रहे थे, उसे ही हटाने के लिए प्रशासनिक अफसरों की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची थी.

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