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सैयद हुसैन अख्तरी/रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में चौबीस घंटे में हुई दो मुठभेड़ में 6 बदमाश पकड़े गए हैं. ईरानी गैंग के नाम से मशहूर इसके सदस्य पूरे भारत में फैले हैं. इनके अपराध का तरीका टप्पेबाजी है. कहीं, ये पुलिस बन जाते हैं, तो कहीं ये नग बेचने वाले या जौहरी के तौर पर अपनी पहचान बताते हैं. इस गैंग का एक सदस्य तो देश के बड़े इलेक्ट्रॉनिक चैनल के रिपोर्टर के तौर पर भी खुद को पेश करता रहा है. पुलिस सूत्रों की मानें तो, तकरीबन सौ साल पहले ईरान मूल के इनके पूर्वज अफगानिस्तान के रास्ते भारत आए और मध्य प्रदेश के भोपाल में बस गए थे.
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आपको बता दें कि हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से टप्पेबाजी मामले में इस गैंग से सम्बद्ध मिले हैं. फिलहाल, इन्होंने जौनपुर और फर्रुखाबाद में अस्थायी शरण ली थी. जानकारी के मुताबिक ये फर्रुखाबाद से दिल्ली, नोएडा और एनसीआर के अन्य जिलों को कवर करते हैं. वहीं, जौनपुर से मध्य उत्तर प्रदेश के लखनऊ और आस-पास के जिलों समेत पूर्वांचल के अन्य जिलों को निशाना बनाते हैं.
घटना को रात में देते हैं अंजाम
ईरानी गैंग का लक्ष्य होता है कि घटना करने के बाद, खुद के वाहन से रात के पहले अपने स्थान पर पहुंच जाएं. जानकारी के मुताबिक ये फर्रुखाबाद और जौनपुर के अस्थायी निवासी हैं. यह बदमाश आमतौर पर अपने-अपने केंद्र से पांच सौ किलोमीटर के दायरे वाले शहरों को चुनते हैं. सुबह खुद के दोपहिया या चार पहिया वाहन से निकल कर दोपहर तक घटना को अंजाम देते हैं. घटना को अंजाम देने के बाद वह देर रात तक वापस अपने स्थान पर पहुंच जाते हैं.
रायबरेली में मुठभेड़ के दौरान कल पकड़े गए थे सदस्य
आपको बता दें कि रायबरेली में मुठभेड़ के दौरान कल पकड़े गए इंजमाम अली, पठान अली, राहुल सक्सेना और इरफान अली में से सभी अस्थायी रूप से फर्रुखाबाद और जौनपुर के हैं, लेकिन से मूल रुप से भोपाल के निवास हैं. वहीं, एक दिन पहले मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए दो बदमाश ताहिर अली और निसार हुसैन भी वर्तमान में फर्रुखाबाद निवासी हैं, जबकि वह भी मूलरूप से भोपाल के ही रहने वाले हैं. इनके द्वारा आमतौर पर सुनारों को अपना निशाना बनाते हैं. असली गहने से नकली गहने देना, दुकान पर आभूषण देखने के नाम पर गायब कर देना इनका मोडस ऑपरेंडी हैं.
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इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
इस मामले में पुलिस अधीक्षक रायबरेली आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि ईरानी गैंग के सदस्य गांव के इलाके में सोना चांदी चमकाने के नाम पर भी टप्पेबाजी करते हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए बदमाशों में पठान अली देश के बड़े इलेक्ट्रॉनिक चैनल के साथ रिपोर्टर रहने का भी दावा करता है.
इतना ही नहीं, इस गैंग के सदस्य कई बार खुद को सादी वर्दी में पुलिस वाला बताकर मदद के नाम पर महिलाओं के जेवर उतरवाते हैं. फिर बड़ी चालाकी से गहने लेकर गायब हो जाते हैं. इस तरह के कई मामले दिल्ली और नोएडा समेत एनसीआर के जिलों में सामने आ चुके हैं. पुलिस ने इस गैंग के कई सदस्यों को पकड़ा भी है. गैंग के ज्यादातर सदस्यों के पूर्वज एक सदी या उससे पहले ईरान से आकर यहां बसे थे. इसलिए यह गैंग 'ईरानी गैंग' कहलाता है.
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