Holika Dahan 2023: इस बार दो दिन होगा होलिका दहन, ज्योतिष में जानें क्या है इसकी वजह!
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Holika Dahan 2023: इस बार दो दिन होगा होलिका दहन, ज्योतिष में जानें क्या है इसकी वजह!

हिंदू धर्म में होली का बहुत महत्व होता है. होली बच्चों को तो बहुत पसंद होती ही है साथ ही साथ ये बड़ों को भी बहुत भाता है. ऐसा हो भी क्यों न होली में रंगो के अलावा अलग-अलग प्रकार के पकवान जो बनते है.

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Holi 2023: हिंदू धर्म में होली का बहुत महत्व होता है. होली बच्चों को तो बहुत पसंद होती ही है साथ ही साथ ये बड़ों को भी बहुत भाता है. ऐसा हो भी क्यों न होली में रंगो के अलावा अलग-अलग प्रकार के पकवान जो बनते है. जैसे गुझिया, इमरती, मावा पेड़े,बेसन के लड्डू, बालूशाही ,  बेसन की बर्फी, केसर मलाई के लड्डू , ठंडाई इत्यादि.  हिंदू पंचाग के अनुसार होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा (Fagun Month Purnima 2022) तिथि को मनाई जाती है.  साल 2023 में रंगों का त्योहार होली (Holi 2022) 8 मार्च के दिन पड़ रही है और  होलिका दहन 7 मार्च (Holika Dahan 7th March) को किया जाएगा. 

होलिका दहन की तारीख 2023 
शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में भद्रा मुक्त समय में किया जाना चाहिए. विशेष स्थिति में भद्र मुख और भद्रा पुच्छ को छोड़कर भी होलिका दहन किया जा सकता है. लेकिन इसके साथ ज्योतिष-पंचाग में यह भी शर्त है कि जिस दिन प्रदोष काल में पूर्णिमा हो उस दिन होलिका दहन किया जाना चाहिए. 

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इन प्रदेशों में 6 मार्च को होलिका दहन 
ऐसे में जो स्थिति बनती है उसके अनुसार पंजाब, महाराष्ट्र, जम्मू, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में 6 मार्च को पूर्णिमा प्रदोष काल में है.    6 मार्च को ऐसे में इन प्रदेशों में होलिका दहन किया जा सकता है.

इन प्रदेशों में 7 मार्च को होलिका दहन
पूर्वी भारत में 7 मार्च को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि रहेगी और इस दिन भद्रा भी नहीं रहेगा.  इसलिए 7 मार्च को होलिका दहन किया जाना उत्तम रहेगा. इसमें किसी प्रकार का कोई दोष भी नहीं रहेगा. इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा . 8 मार्च को रंगोत्सव मनाया जाएगा. 
नोट-इसमें हमको एक बात ध्यान में रखनी है कि जहां पर सूर्यास्त 7 मार्च को 6 बजकर 10 मिनट से पहले होगा वहां पर होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा.

पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ -समापन
6 मार्च: सोमवार-शाम 4 बजकर 18 मिनट से शुरू 

पूर्णिमा तिथि का समापन
7 मार्च: मंगलवार, शाम 6 बजकर 10 मिनट तक

भद्रा काल का आरंभ- 6 मार्च सोमवार, शाम 4 बजकर 48 मिनट से
भद्रा काल का समापन -7 मार्च मंगलवार, सुबह 5 बजकर 14 मिनट तक

होली से आठ दिन पहले लग जाते हैं होलाष्टक 2023 
होलाष्टक, होलिका दहन से 8 दिन पहले लग जाते हैं, इन दिनों को अशुभ समय माना जाता है. पंचांग की गणना के होलाष्टक 27 फरवरी से लग रहे हैं. होलाष्टक 8 मार्च बुधवार तक मान्य रहेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.  इसके पीछे कई सामाजिक मान्यताएं भी बताई गई हैं.

होली का महत्व (Importance of Holi)
रंगों के इस पर्व का बड़े-बूढ़े सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस दिन कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. होली के त्योहार के दिन सभी धार्मिक भेदभाव भूलाकर एक दूसरे को गले लगाया जाता है.  सभी मिलकर इस पर्व को मनाते हैं. ये इकलौता ऐसा पर्व है, जो समानता और भाईचारे का प्रतीक होता है. दुश्मन भी इस दिन एक दूसरे को रंग लगाकर गले मिलते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है और लोग विधि विधान के साथ पूजन करते हैं. ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन की अग्नि के साथ सभी तरह की बुराइयों और नकारात्मक शक्तियों का भी अंत हो जाता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.

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