देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. धर्मनिरपेक्ष देश होने के कारण सभी को अपने धर्म को मानने की इजाजत है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में मामला सामने आया है जिसमें कुछ लोगों ने लड़की को हिजाब में देखकर जय श्रीराम के नारे लगाए हैं.
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नीना जैन/सहारनपुर: कर्नाटक में हिजाब को लेकर मचे बवाल की चिंगारी दूसरे राज्यों में भी पहुंचने लगी है. देवबंद उलेमाओं ने हिजाब पहने लड़की के सामने जय श्री राम का नारा लगाने पर एतराज जताया है. इसके साथ ही सरकार से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
'जय श्रीराम' का नारा लगाने से ऐतराज नहीं
देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. धर्मनिरपेक्ष देश होने के कारण सभी को अपने धर्म को मानने की इजाजत है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में मामला सामने आया है जिसमें कुछ लोगों ने लड़की को हिजाब में देखकर जय श्रीराम के नारे लगाए हैं. हमें उससे एतराज नहीं है. आप जय श्रीराम के नारे लगाइए, लेकिन किसी मुस्लिम महिला या किसी मुस्लिम शख्स को देखकर नारे लगाए जा रहे हैं तो इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. यह चिढ़ाने वाली फिरका परस्ती की बात है. ऐसे लोग देश का अमनो चैन बर्बाद कर देना चाहते हैं.
"जनता जानती है कि किसे देना है वोट"
मुफ्ती असद कासमी ने आगे कहा कि ये लोग हिंदू और मुसलमानों में भेदभाव करना चाहते हैं. इसे हिंदू और मुसलमान का रंग देना चाहते हैं. लेकिन प्रदेश की जनता समझदार हो चुकी है. जनता जानती है कि किसे वोट देना है और किसे नहीं. जनता ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है, जो प्रदेश के लिए काम करे. प्रदेशवासियों के लिए काम करे. नौजवानों को रोजगार देने के लिए काम करे.
"फिरकापरस्तों के खिलाफ कार्रवाई की मांग"
मुफ्ती असद कासमी ने आगे कहा कि जमीयत उलेमा एक संगठन है, जिसने उस लड़की को इस बात पर ₹500000 देने का ऐलान किया है कि उसने इन लोगों के सामने बिल्कुल नहीं झुकी. वह जय श्रीराम के नारे लगाते रहे. उसने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाया. वह लड़की अपने ईमान पर कायम रही. लड़की ने इन फिरकापरस्तों के हौसलों को पस्त कर दिया. उस लड़की की बहादुरी को सलाम करते हैं और जिन लोगों के द्वारा इसे अंजाम दिया गया उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं.
क्या है हिजाब विवाद?
दरअसल, कर्नाटक के उडुपी में सरकारी कॉलेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनको हिजाब पहनने के चलते कैंपस और क्लास में प्रवेश नहीं करने दिया गया. छात्राओं ने विरोध किया और कहा कि कॉलेज उन्हें हिजाब पहनने से नहीं रोक सकता क्योंकि ये उनकी धार्मिक स्वतंत्रता है. वहीं, हिजाब को लेकर मचे बवाल ने धीरे-धीरे साम्प्रदायिक रंग लेना शुरू कर दिया. हिजाब पहनने का विरोध करने के लिए हिंदू छात्र भगवा शॉल ओढ़कर स्कूल-कॉलेज में आने लगे थे. राज्य के कई शहरों में तनाव बढ़ता देखकर कर्नाटक सरकार ने अगले तीन दिन के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिये हैं.
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