डिंपल की राह में सियासी कांटे साबित होंगे हरिओम यादव के बयान, पढ़ें मुलायम के समधी ने क्या कहा
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डिंपल की राह में सियासी कांटे साबित होंगे हरिओम यादव के बयान, पढ़ें मुलायम के समधी ने क्या कहा

अखिलेश यादव ने भले ही चाचा शिवपाल यादव को मना लिया हो, लेकिन यादव  परिवार के कुछ खास करीबी अब भी अखिलेश की राह में सियासी वार का कोई मौका नहीं छोड़ रहे. मुलायम सिंह के समधी ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से पहले बड़ा बयान दिया है.

डिंपल की राह में सियासी कांटे साबित होंगे हरिओम यादव के बयान, पढ़ें मुलायम के समधी ने क्या कहा

इटावा/अन्नू चौरसिया: इटावा के जसवंतनगर विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी रघुराज शाक्य (raghuraj shakya) के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम हुआ. इस मौके पर बीजेपी प्रत्याशी के साथ मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के समधी हरिओम यादव भी पहुंचे थे. किसी जमाने में मुलायम सिंह यादव परिवार के सियासी फैसलों में हरिओम यादव की राय मायने रखती थी. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि हरिओम यादव को सपा छोड़ बीजेपी का दामन थामना पड़ा. सियासी खेमा बदलते ही हरिओम यादव अब अखिलेश यादव और सपा पर राजनीतिक हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रहे. शुक्रवार को बीजेपी के मंच से उन्होंने समाजवादी पार्टी और अखिलेश पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही चाचा की याद आ गई. अखिलेश यादव को यादव समाज ने न यादव माना है और ना मानेगा. आप लोग पार्टी की बात करते हो पार्टी को खत्म करने के लिए किसी की जरूरत नही है. पार्टी तो बची नहीं पार्टी को खत्म कर दी. 

शिवपाल का नाम लेकर अखिलेश पर हमला
हरिओम यादव ने कहा, नेताजी को वजह से 100 सीटे आ गयी थी. गठबंधन में 2027 के चुनाव में सपा को सीट नहीं मिलेगी. 20 सीट मिल जाए बहुत बड़ी बात समझना. 2024 के चुनाव में प्रदेश में समाजवादी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाएगी. अखिलेश यादव को चाचा की याद आ गई. नेता जी के निधन के बाद 13 दिन घर पर आए तब चाचा की याद नहीं आई. जब चुनाव आए तब चाचा से आशीर्वाद लेने पहुंच गए. हरिओम यादव का यह बयान इसलिए भी सियासी रूप से काफी अहम है क्योंकि मैनपुरी उपचुनाव से मुलायम की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव (Dimpal Yadav)चुनाव मैदान में हैं. 

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हरिओम यादव तेजप्रताप के नाना हैं. वह मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे हैं. हालांकि बाद में प्रो.रामगोपाल सिंह यादव (prof Ram Gopal Yadav) से सियासी रिश्ते ठीक नहीं होने की वजह से यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सपा को अलविदा कहकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.

 

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