Kanpur News: कानपुर और गाजियाबाद को ग्रीन एक्सप्रेसवे की सौगात,इन शहरों को फायदा
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Kanpur News: कानपुर और गाजियाबाद को ग्रीन एक्सप्रेसवे की सौगात,इन शहरों को फायदा

Kanpur News:  प्रदेश को जल्द ही एक और ग्रीन एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है. आइए जानते हैं कानपुर और गाजियाबाद के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने वाले इस नये एक्सप्रेस वे की क्या खासियत होगी.

 
Kanpur News: कानपुर और गाजियाबाद को ग्रीन एक्सप्रेसवे की सौगात,इन शहरों को फायदा

Kanpur News: गाजियाबाद और कानपुर के बीच बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनेगा. खास बात यह है कि इसके चारो ओर लंबी ग्रीन फील्ड होगी, इसलिए इसे ग्रीन एक्सप्रेसवे कहा जा रहा है.  ग्रीन एक्सप्रेसवे पॉलिसी के अंतर्गत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया 380 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है. आबादी क्षेत्र से दूर यह फोर लेन नेशनल हाईवे 10 जिलों से होकर गुजरेगा. इसके निर्माण के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी भोपाल की लायन इंजीनियरिंग कंसल्टेंट एजेंसी को दी गई है. इस एक्सप्रेसवे के बनने से साढ़े तीन घंटे में गाजियाबाद से कानपुर का सफर पूरा हो जाएगा। अभी गाजियाबाद और कानपुर के बीच  एनएच-91 है. इसकी लंबाई 468 किलोमीटर है.

इसकी और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बीच की दूरी करीब 20 किलोमीटर रहेगी. यह गाजियाबाद से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव की सीमा क्षेत्र से होते हुए कानपुर में दाखिल होगा. डीपीआर बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर सर्वे कर यह तय करेंगे कि 380 किमी की दूरी में कहां-कहां फ्लाईओवर, अंडरपास और पुल बनेंगे. दोनों ओर घने छायादार पेड़ों के साथ डिवाइडर पर पौधारोपण की योजना है.

डीपीआर मंजूर होते ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.  उधर गाजियाबाद से कानपुर (एनएच-91) के बीच अलीगढ़ से कानपुर तक फोरलेन का काम खत्म होने वाला है. दूसरी ओर गाजियाबाद से अलीगढ़ तक छह लेन की सड़क का निर्माण किया जा रहा है. बताया  जा रहा है कि राज्य में इस तरह के आठ एक्सप्रेस बनाए जाएंगे.

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इसकी और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बीच की दूरी करीब 20 किलोमीटर रहेगी. यह गाजियाबाद से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव की सीमा क्षेत्र से होते हुए कानपुर में दाखिल होगा. डीपीआर बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर सर्वे कर यह तय करेंगे कि 380 किमी की दूरी में कहां-कहां फ्लाईओवर, अंडरपास और पुल बनेंगे. दोनों ओर घने छायादार पेड़ों के साथ डिवाइडर पर पौधारोपण की योजना है. 

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