गाजीपुर में Kamakhya Express के डी-2 बोगी में मिले सैकड़ों कछुए, जानें कहां होने वाली थी तस्करी
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गाजीपुर में Kamakhya Express के डी-2 बोगी में मिले सैकड़ों कछुए, जानें कहां होने वाली थी तस्करी

गाजीपुर: वन्य जीवों की तस्करी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. गाजीपुर में जीआरपी ने कामाख्या एक्सप्रेस ट्रेन से कछुओं की तस्करी करने वाली दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. पुलिस तफ्तीश कर रही है कि आखिर कछुओं की तस्करी का मास्टरमाइंड कौन है. सवाल है कि आर्थिक रूप से कमजोर और कम पीढ़ी लिखी इन महिलाओं को किसी बड़े गिरोह ने मोहरा तो नहीं बनाया.

गाजीपुर में Kamakhya Express के डी-2 बोगी में मिले सैकड़ों कछुए, जानें कहां होने वाली थी तस्करी

आलोक त्रिपाठी/गाजीपुर: जीआरपी ने कामाख्या एक्सप्रेस से 626 कछुए बरामद किया है. इस दौरान जीआरपी ने कछुआ तस्करी करने वाली दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. पकड़ी गई महिलाएं सुल्तानपुर से कछुए लेकर असम के जलपाईगुड़ी जा रही थी. पुलिस ने बरामद कछुओं को वन विभाग को सौंपा दिया है,जबकि कछुआ तस्करी करने वाली महिलाओं के खिलाफ वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

कामाख्या एक्सप्रेस की बोगी से मिले कछुए

बताया जा रहा है कि गाजीपुर सिटी स्टेशन पर कामख्या एक्सप्रेस रुकी, वैसे ही जीआरपी थाने की टीम थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार के नेतृत्व में ट्रेन की बोगियों की तलाशी लेना शुरू किया. तलाशी के दौरान बोगी डी-2 से अजीब बदबू आने लगी. तलाशी लेने पर यहां 25 बोरियां मिली. महिलाओं से जब इन बोरियों को खोलने को कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद पुलिस ने बोरियां खोलकर देखा कि सभी में जिंदा कछुए भरे हुए थे. 

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प्रतिबंधित है कछुओं की बिक्री

पूछताछ में महिलाओं ने बताया कि सभी कछुओं को असम के जलपाईगुड़ी लेकर जा रहे थे. जहां पर इन कछुओं की अच्छी कीमत मिल जाती है. वहीं मामले में जीआरपी थानाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा ने बताया कि सभी कछुओं को वन विभाग को सौंपने के लिए बुलाया गया है. 

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वन अधिकारी सदानंद सिंह ने बताया कि ये सभी प्रतिबंधित प्रजाति के कछुआ हैं. सभी कछुओं को जब्त कर गंगा में छोड़ दिया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया की अच्छी कीमत में बेचने के लिए इसकी तस्करी की जा रही है. जीआरपी पुलिस फिलहाल कछुए की तस्करी के पीछे काम करने वाले गिरोह का पता लगाने में जुटी है. सवाल यह भी है कि आखिर ये महिलाएं कछुआ पकड़ने और उसे बेचने जैसे अपराध के लिए क्यों मजबूर हुईं. कहीं ये किसी संगठित गिरोह का मोहरा तो नहीं बन गईं.

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