हर घर को साफ पानी मिले, यह पीएम मोदी के सबसे अहम विजन में एक है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से यह योजना भी भ्रष्टाचार से अछूती नहीं है. पौड़ी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है.
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कमल किशोरी पिमोली/देहरादून: सरकारी योजना के बजट को किस तरीके से ठिकाने लगाया जाता है, इसकी बानगी पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक में देखने को मिल रही है. यहां हर घर जल, हर घर नल योजना के तहत पेयजल कनेक्शन लगाए जाने थे. लेकिन ठेकेदार ने आधे कनेक्शन लगाकर पूरे गांव में कनेक्शन लगाने की रिपोर्ट सौंप लाखों का घोटाला कर दिया. दरअसल पूरा मामला पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक के नलई गांव का है.
भ्रष्टाचार में दोगुने कनेक्शन लगाए गए
यहां हर घर जल योजना के तहत 70 कनेक्शन लगाए गए, जबकि ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कागजों में दोगुने 140 कनेक्शन दिखा दिए गए. जब गांव के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की तो खण्ड विकास अधिकारी समेत पांच सदस्यीय टीम द्वारा पूरे मामले की जांच की गई.
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कागजों में योजना
जांच में पाया गया कि कागजों में 70 की जगह 140 कनेक्शन है जबकि कागजों में उन परिवारों के कनेक्शन भी दिखाये गए हैं. जिन घरों में कोई रहता नहीं है. कई ऐसे घरों में भी कनेक्शन दिखाये गए हैं, जिनके घर पर पहले से पेयजल कनेक्शन मौजूद था. घोटाले का खुलासा होने के बाद अब ब्लॉक प्रमुख कल्जीखाल बीना राणा ने डीएम पौड़ी और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है. साथ ही शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस स्कीम के तहत प्रत्येक घर तक स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य 2030 निर्धारित किया गया था. जिसे अब 2024 कर दिया गया है. सरकार द्वारा उनके घर में पानी की उपलब्धता तय की जाएगी. इस स्कीम का लक्ष्य 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से पीने योग्य जल मुहैया करवाना है.