उत्तराखंड में अतिक्रमणकारियों की अब खैर नहीं. प्रदेश में अब उत्तर प्रदेश की तरह बुलडोजर चलेगा. इसकी शुरुआत हरिद्वार से हो गई है. यहां सोमवार को एक अवैध मजार को मिट्टी में मिला दिया गया.
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करण कुशवाहा/हरिद्वार : प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरिद्वार में अतिक्रमण एक बड़ी चुनौती बन रहा है. मजहब के नाम पर लोग सड़क और सार्वजनिक स्थान पर मजार बना लेते हैं. लेकिन धामी सरकार भी अब योगी सरकार की राह पर चलती दिख रही है. सोमवार को अतिक्रमण के खिलाफ हुई बुलडोजर कार्रवाई को देखकर कम से कम यही कहा जा सकता है. यहां बहादराबाद क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की जमीन पर बनाई गई दो अवैध मजारों को प्रशासन ने ध्वस्त कराया.
सीएम धामी का सख्त निर्देश
प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अवैध धार्मिक कब्जों की बात सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश भर में अवैध धार्मिक कब्जों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी कई सरकारी जमीनों पर हुए धार्मिक अतिक्रमण को चिन्हित कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
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जिलाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई करने पहुंचे एसडीएम पूरन सिंह राणा ने यूपी सिंचाई विभाग की पुरानी बिल्डिंग में पिछले 10-12 सालों में बनाई गई दो मजारों को ध्वस्त कराया. इस जगह पर मजारों की आड़ में पिछले कुछ सालों से धार्मिक गतिविधियां कर कब्जा किया गया था. मामले में यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है लिहाजा एसडीएम ने यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों से भी जवाब तलब किया है. प्रशासन की इस कार्रवाई से हरिद्वार ही नहीं पूरे उत्तराखंड में एक संदेश गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अतिक्रमण विरोधी ऐसी कार्रवाई लगातार होनी चाहिए. इससे न सिर्फ सार्वजनिक संपत्ति को अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त कराया जा सकेगा बल्कि सुशासन को भी मजबूती मिलेगी.
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