Devshayani Ekadashi 2022: मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी को देवशयनी एकादशी इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दिन से भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए पाताल लोक में शयन करने जाते हैं और सृष्टि का संचालन महादेव के हाथों में होता है.....इस दिन कुछ कामों का करना वर्जित माना जाता है..आइए जानते हैं कौन से काम हो जो नहीं करने चाहिए.
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Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी का व्रत (Devshayani Ekadashi 2022 Vrat) आषाढ़ माह (Ashadh Month 2022) के शुक्ल एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस बार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 10 जुलाई को पड़ रही है. आषाढ़ शुक्ल एकादशी से सृष्टि के पालनहार श्री विष्णु का शयनकाल शुरू हो जाता है और कार्तिक शुक्ल एकादशी को सूर्य के तुला राशि में आने पर भगवान जनार्दन योगनिद्रा से जागते हैं. लगभग चार महीने के इस अंतराल को चार्तुमास कहा गया है. इस दौरान कुछ कामों को करना वर्जित माना गया है. आइए जानते हैं कौन से हैं वो काम..
इस दिन न खाएं तामसिक चीजें
इस दिन तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए. चातुर्मास में कुछ चीजों का सेवन करना वर्जित माना गया है. इस दिन भूलकर भी मांस, प्याज, लहसुन आदि नहीं खाना चाहिए. इस दिन किसी तरह का नशा करना चाहिए. तंबाकू और सिगरेट भी नहीं पीनी चाहिए.
एकादशी वाले दिन चावल न खाएं
देवशयनी एकादशी वाले दिन चावल भूलकर भी नहीं खाने चाहिए. चावल से बनी अन्य चीजें जैसे पोहा, पुलाव आदि भी न खाएं. धर्म शास्त्रों में एकादशी पर चावल खाने की मनाही है. ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति एकादशी पर चावल खाता है उसे अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मन में न लाएं बुरे विचार
देवशयनी एकादशी पर किसी के प्रति बुरे विचार भी मन में नहीं लाना चाहिए और न ही किसी की बुराई दूसरे के सामने करना चाहिए. इस दिन किसी से बुरा व्यवहार भी नहीं करना चाहिए. मन में सिर्फ भगवान के प्रति आस्था और भक्ति का भाव होना चाहिए. बुरे कामों से दूर रहें. इस दिन आपको दूसरों के प्रति घृणा, गुस्सा और गलत विचार के साथ बुरे कामों से दूर रहना चाहिए.
देवशयनी एकादशी पर ब्रह्मचर्य का पालन करें
अगर आप देवशयनी एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो इसका पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करें. इस दिन अपने मन में गंदे विचार भी न लाएं. अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें और भगवान के भजन में मन लगाएं.
धार्मिक कार्य करें, भगवान का करें ध्यान
एकादशी के दिन धर्म से संबंधित काम करें. भगवान की पूजा करें और व्रत रखें. ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी.
बिस्तर पर नहीं चटाई पर सोएं
इन दिनों बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. इन दिनों जमीन पर सोना चाहिए, चटाई पर सो सकते हैं. ऐसा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं. तुलसी को नियमित रूप से पानी देना चाहिए.
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मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी को देवशयनी एकादशी इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दिन से भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए पाताल लोक में शयन करने जाते हैं और सृष्टि का संचालन महादेव के हाथों में होता है. वहां 4 महीने विश्राम करने के बाद कार्तिक माह की देव उठनी एकादशी को पुनः पृथ्वी लोक वापस आते हैं.
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देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 9 जुलाई को शाम 4:40 से प्रारंभ होगी.
एकादशी तिथि का समापन रविवार 10 जुलाई को दोपहर 2:14 पर होगा.
उदया तिथि के आधार पर देवशयनी एकादशी का व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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