सूरज ढलते ही डेंगू का मच्छर होता है एक्टिव, इन तरीकों से कर सकते हैं बचाव
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सूरज ढलते ही डेंगू का मच्छर होता है एक्टिव, इन तरीकों से कर सकते हैं बचाव

डेंगू से बचाव के लिए जागरुकता और एहतियात सबसे कारगर उपाय है. आइए जानते हैं कानपुर में इन दिनों डेंगू से बचाव के लिए कौन से बड़े कदम उठाए जा रहे हैं.

सूरज ढलते ही डेंगू का मच्छर होता है एक्टिव, इन तरीकों से कर सकते हैं बचाव

श्याम तिवारी/कानपुर: प्रदेश भर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है.डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या अस्पतालों में लगातार बढ़ रही है. वहीं मलेरिया विभाग की टीम सोर्स डिटेक्शन के साथ-साथ एडीज मच्छर के लारवा को खत्म करने का काम कर रही है. साथ ही साथ डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग भी की जा रही है. कानपुर जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने कहा कि एडीज एजिप्टाई मच्छर दिन में बाहर नहीं निकलता है, वह घर के अंदर रहता है. 

शाम को कराएं फॉगिंग
शाम के वक्त जब सूर्यास्त होता है तो यह प्रजनन के लिए बाहर निकलते हैं. मलेरिया विभाग की टीम इसी वक्त फॉगिंग का काम कर रही है. दिन में घरों के अंदर फॉगिंग की जाती है, जिससे मच्छर मरते हैं. वहीं शाम को एरिया में फॉगिंग की जाती है. जिससे मच्छर धुंए की चपेट में आकर मरता है. उनका कहना है की गोधूलि बेला में यह मच्छर प्रजनन के लिए बाहर निकलते हैं और हवा में मौजूद रहते हैं. इस वक्त फॉगिंग बहुत ज्यादा असरदार साबित होती है. जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने कहा कि शहर के 14 सेक्टरों में उनकी टीमें जा रही है. जल पात्रों में भरे पानी को नष्ट कराया जा रहा है. लोगों को पर्चे बांटकर और बैनर लगा कर जागरूक किया जा रहा है. 
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लार्विसाइडल स्प्रे का का करें छिड़काव 
डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं. मेडिकल कॉलेज और उर्सला में जांच के लिए सैंपल भेजे जा रहे हैं. डेंगू की पुष्टि होने पर उसका ट्रीटमेंट किया जा रहा है. टीम वहां पर लार्विसाइडल स्प्रे का छिड़काव करती है. जलभराव वाले स्थान पर मच्छर खत्म करने के लिए लार्विसाइडल का छिड़काव कराया जा रहा है. उसी क्षेत्र में शाम के वक्त फागिंग कराई जाती है जिससे एडल्ट मच्छर नष्ट हो जाए. गोधूलि बेला में मच्छर प्रजनन के लिए बाहर निकलते हैं. इस वक्त अधिकतर मच्छर हवा में तैर रहे होते हैं. नगर निगम के साथ मिलकर मलेरिया विभाग की टीम काम कर रही है.

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