Coal Mafia: 32 बीघा जमीन पर डंप मिला था 10 मिलियन टन कोयला, पर्दे के पीछे कौन?
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Coal Mafia: 32 बीघा जमीन पर डंप मिला था 10 मिलियन टन कोयला, पर्दे के पीछे कौन?

Coal Mafia: सोनभद्र में कोयला पकड़े जाने की खबर के बाद से इस मामले की जांच तेज कर दी गई है. बता दें कि 10 मिलियन टन कोयला कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर पकड़ा गया था. ये लावारिस कोयला हजारों करोड़ का बताया जा रहा है. बता दें कि, मिलावट की शिकायत के बाद डीएम ने छापेमारी की थी. इस दौरान इतनी बड़ी मात्रा में लावारिस कोयला पकड़ा था. पर्दे के पीछे कौन है इसे जानने के लिए पढ़ें...

Coal Mafia: 32 बीघा जमीन पर डंप मिला था 10 मिलियन टन कोयला, पर्दे के पीछे कौन?

सोनभद्र: देश कोयला संकट ( Coal Crisis ) से गुजर रहा है. टीवी चैनलों और अखबारों में कुछ महीने पहले छप रही तस्वीरें और खबरों में छपी खबरें जरा याद कीजिए. जब खबर आ रही थी, अब केवल 7 दिन या 10 दिन का कोयला बचा है. कोयले की कमी के चलते अमुक प्लांट को बंद कर दिया गया. इस बात को बहुत थोड़ा ही समय गुजरा, तभी यूपी के माइनिंग डिस्टिक सोनभद्र में लावारिस कोयला मिल गया. जो एक दो ट्रक नहीं बल्कि 10 मिलियन टन है. ये लावारिस कोयला कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर पकड़ा गया था.

डीएम ने छापेमारी कर पकड़ा था कोयला
दरअसल, अवैध कोयले पकड़े जाने की खबर के बाद से इस मामले की जांच तेज कर दी गई है. बता दें कि 10 मिलियन टन कोयला कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर पकड़ा गया था. ये लावारिस कोयला हजारों करोड़ का बताया जा रहा है. बता दें कि, मिलावट की शिकायत के बाद डीएम ने छापेमारी की थी. इस दौरान इतनी बड़ी मात्रा में लावारिस कोयला पकड़ा था.

32 बीघा जमीन पर लगभग दस मिलियन टन कोयला डंप 
आपको बता दें कि सोनभद्र के अनपरा थाना क्षेत्र अंतर्गत कृष्णशिला परियोजना के रेलवे साइडिंग बासी में पर्यावरण विभाग, वन विभाग, प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की थी. जहां पर 32 बीघा जमीन पर लगभग दस मिलियन टन डंप कोयला बरामद हुआ था. जिसके बाद जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बरामद कोयले को सीज कर जांच के आदेश दिए थे. वहीं, कोयले के मालिक का पता नहीं चल सका है. फिलहाल पूरे मामले की गहन जांच चल रही है.

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जिलाधिकारी ने इस कोयले की अनुमानित मूल्य 600 करोड़ रुपये बताया है. इसका मालिक कौन है अब तक की जांच में नहीं पता चल सका है. ऐसे में इस कोयले का कोई मालिक न मिलने पर इसकी निलंबन की प्रक्रिया के तहत नीलामी करके कोयले को बेचने की बात कही है. हालांकि, इससे पहले भी कोयले के काले धंधे का पता लगाने के लिए CBI ने छापेमारी भी मारा जा चुका है. वहीं, आरोप है कि अधिकारियों और कोल माफिया की मिलीभगत से भारी मात्रा में कोयले का काला कारोबार बदस्तूर जारी है.

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काले कारोबार का किसी सफेदपोश से हो सकता है कनेक्शन
चर्चाएं ये भी हैं कि इस काले कारोबार का किसी सफेदपोश से भी कनेक्शन हो सकता है. हालांकि, इन चर्चाओं और कयासबाजी में कितनी दम है, यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा. यह तो थी लावारिस कोयले की बात. वहीं, देश में कोल क्राइसिस को दूर करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार, आम लोगों को रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ अग्रसर होने के लिए प्रेरणा दे रही है. साथ ही कई योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित भी कर रही है, ताकि ऊर्जा के लिए कोयले की निर्भरता कम 

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