रिलिजियस डेमोग्राफी में संतुलन जरूरी, जहां असंतुलन वहां अराजकता: सीएम योगी
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रिलिजियस डेमोग्राफी में संतुलन जरूरी, जहां असंतुलन वहां अराजकता: सीएम योगी

विश्व जनसंख्या दिवस पर सीएम योगी ने बड़ा बयान दिया है. लखनऊ में एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा, "एक वर्ग की आबादी ज्यादा होने का असर रिलिजियस डेमोग्राफी पर पड़ता है और एक समय के बाद वहां अव्यवस्था और अराजकता जन्म लेने लगती है.

रिलिजियस डेमोग्राफी में संतुलन जरूरी, जहां असंतुलन वहां अराजकता: सीएम योगी

अजीत सिंह/लखनऊ: विश्व जनसंख्या दिवस पर सीएम योगी ने बड़ा बयान दिया है. लखनऊ में एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा, "एक वर्ग की आबादी ज्यादा होने का असर रिलिजियस डेमोग्राफी पर पड़ता है और एक समय के बाद वहां अव्यवस्था और अराजकता जन्म लेने लगती है. जब बात परिवार नियोजन की हो, जनसंख्या स्थिरीकरण की, तो हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास सफलतापूर्वक हों. कहीं भी जनसंख्या असंतुलन की स्थिति न पैदा होने पाए."

सीएम ने किया फ्लैग ऑफ 
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित विश्व जनसंख्या दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की शुरुआत करते हुए एक जागरूकता रैली का फ्लैग ऑफ किया. जिसके बाद उन्होंने नवदम्पतियों को शगुन किट भेंट किया. साथ ही, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर टेली कन्सल्टेशन के माध्यम से परिवार नियोजन सेवाओं की औपचारिक शुरुआत भी की.

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सीएम योगी ने कहा, "ऐसा न हो कि किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड ज्यादा हो, जो मूल निवासी हों, उन पर जनसंख्या स्थिरीकरण की कोशिशों से, इंफोर्समेंट से और जागरुकता प्रयासों से उनकी आबादी को नियंत्रित कर दिया जाए. सीएम ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है, वहां जनसांख्यकीय असंतुलन चिंता का विषय बनता है. क्योंकि रिलिजियस डेमोग्राफी पर विपरीत असर पड़ता है. तो एक समय के बाद वहां अव्यवस्था, अराजकता जन्म लेने लगती है. इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों से सभी मत मजहब, वर्ग, सम्प्रदाय पर एक समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए.

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सीएम योगी ने मातृ-शिशु मृत्यु दर के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि मैटरनल एनीमिया, मातृ, शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने की कोशिशों के बीच हमारे सामने एक और चुनौती होती है. एक वर्ग विशेष में मातृ और शिशु मृत्यु दर दोनों ही ज्यादा है. अगर दो बच्चों के जन्म के बीच अन्तराल कम है, तो इसका खमियाजा मातृ और शिशु मृत्यु दर पर भी पड़ेगा. इसकी कीमत समाज को भी चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा जनसंख्या स्थिरीकरण के कार्य में आशा बहनें, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, शिक्षक गण, त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. धर्मगुरुओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए. इसमें सामूहिक प्रयास से ही सफलता मिलेगी.

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सीएम ने कहा, "जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम विगत 5 दशकों से चल रहे हैं. इसके अच्छे परिणाम मिले हैं. उन्होंने कहा कि एक निश्चित जनसंख्या वृद्धि दर का होना उपलब्धि है. विशाल जनसंख्या एक संसाधन भी है, लेकिन यह उपलब्धि तभी है, जब लोग स्वस्थ हों, आरोग्य हों. जहां चिकित्सकीय संसाधनों का अभाव हो, बीमारियां हों, वहां, जनसंख्या की अबाध बढ़ोतरी बड़ी चुनौती है. विश्व जनसंख्या दिवस इसी चुनौती का अनुभव कराता है.

मुख्यमंत्री ने कहा- तेज करना होगा प्रयास
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने बीते 5 वर्ष में बेहतरीन परिणाम दिए हैं. मैटरनल एनीमिया में आज यह 51.1% से घटकर 45.9% रह गया है. 5 वर्ष में फुल इम्यूनाइजेशन 51.1% से बढकर लगभग 70% तक पहुंच गया है. संस्थागत प्रसव की दर जो पहले 67-68% थी, वह आज 84% की ओर जा रहा है. मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियन्त्रित करने की कोशिशों के अच्छे परिणाम मिले हैं. अंतर विभागीय समन्वय और जागरूकता की कोशिशों से प्रदेश अपने लक्ष्यों में निश्चित ही सफल होगा.

मुख्यमंत्री ने नवदम्पतियों को दिए शगुन किट
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी ने कार्यक्रम में नवविवाहित जोड़ों को परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नव दंपत्तियों को शगुन किट दिया. जूट बैग से बने शगुन किट में कई जरूरी सामग्री शामिल हैं इसमें तौलिया, दो सेट रुमाल, कंघी, ऐनक, इत्र, जानकारी कार्ड, आशा और एएनएम के मोबाइल नम्बर, विवाह पंजीकरण फॉर्म, निरोध किट, गर्भ निरोधक गोलियां, गर्भ जांच किट, इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स रखी गई हैं. साथ ही एक बधाई पत्र, जिसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में उल्लेख किया गया है. वहीं, मुख्यमंत्री ने चित्रकूट में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टेली कन्सल्टेशन सेवा का अवलोकन करते हुए, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर से कार्यप्रणाली की जानकारी भी ली.

जागरूकता से ही होगा सुधार: डिप्टी सीएम
इस दौरान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं, किंतु उपभोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. संतुलन बनाए रखने के लिए यह जरूरी है, कि जनसंख्या स्थिरीकरण के ठोस प्रयास हों. उन्होंने जनसंख्या दिवस के महत्व और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, आशा, एएनएम बहनों से कहा कि वह लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण के महत्व की जानकारी जरूर दें.

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