Chaitra Navratri 7th Day: मां कालरात्रि दूर करती हैं अकाल मृत्‍यु का भय, इस विधि और मंत्र से पूजन करने से इच्छाएं होंगी पूरी
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Chaitra Navratri 7th Day: मां कालरात्रि दूर करती हैं अकाल मृत्‍यु का भय, इस विधि और मंत्र से पूजन करने से इच्छाएं होंगी पूरी

Chaitra Navratri 7th Day: चैत्र नवरात्रि 2023 के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा होगी.मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं...मां कालरात्रि की पूजा से भय और रोगों का नाश होता है..भूत प्रेत, अकाल मृत्यु ,रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है...

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Maha Saptami 2023: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है. नवरात्रि में सातवें दिन महासप्तमी पड़ती है और इस दिन मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है.   28 मार्च मंगलवार को मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा होगी. सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है.  मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है. कहा जाता है जो भी भक्त नवरात्रि के सांतवें दिन विधि-विधान से मां कालरात्रि की पूजा करता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. 

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ऐसा है मां काली का स्वरूप
मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि को महायोगिनी महायोगिश्वरी भी कहा जाता है. माता कालरात्रि को काली, चंडी, धूम्रवर्णा, चामुंडा आदि नामों से भी जाना जाता है. माता काली भूत, पिसाच, प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली हैं. मां कालरात्रि के शरीर का रंग एकदम काला है. उनके सिर के बाल बिखरे हुए हैं. तीन आंखें हैं. उनके गले में  मुंड माला रहती है. नासिका के श्वास प्रस्वास से अग्नि की ज्वालाएं निकलती रहती हैं. उनका वाहन गर्दभ है. ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से वर प्रदान करती हैं तो नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में रहता है. बायीं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा और नीचे वाले हाथ में लोहे की कटार रहती है.

देवी कालरात्रि का भोग और फूल

मां कालरात्रि को लाल रंग की चीजें पसंद है. मां को गुड़ या गुड़ से बनी चीजों को भोग लगाएं. पूजा के समय मां को लाल चंपा के फूल अर्पित करें.

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पूजा विधि
सप्तमीके दिन ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करनी चाहिए.  मंदिर या पूजा की जगह को साफ करें. मां  सामने घी का दीपक जलाएं.  उन्हें लाल रंग के फूल अर्पित करें.  मां कालरात्रि की पूजा में मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल, अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ नैवेद्य आदि का अर्पण किया जाता है.  मां की आरती, दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा का पाठ और चंदन या रुद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करें. अंत में गलतियों के लिए क्षमा मांगे. 

मां कालरात्रि मंत्र
ऊँ कालरात्र्यै नमः

सिद्दियों की रात होती है सप्तमी की रात
देवी कालरात्रि शनि ग्रह और रात को नियंत्रित करने वाली देवी हैं. देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं. सप्तमी की रात सिद्धियों की रात कही जाती है और इस दिन तांत्रिक देवी की विशेष पूजा करते हैं. 

पूजा का महत्व
देवी की पूजा से रोग का नाश होता है और शत्रुओं पर विजय मिलती है. ग्रह बाधा और भय दूर करने वाली माता की पूजा इस दिन जरूर करनी चाहिए. देवी बुरे कर्मों वाले लोगों का नाश करने और  तंत्र-मंत्र से परेशान भक्तों का कल्याण करने वाली हैं. शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि भक्तों को हर स्थिति में विजय दिलाती हैं.

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