उत्तराखंड में एक बार फिर कैबिनेट में बदलाव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. यूकेएसएसएसी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोपों पर विपक्ष के निशाने पर आई धामी सरकार अब कैबिनेट में खाली तीन पदों को भरने पर विचार कर सकती है.
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कुलदीप नेगी/देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे के साथ ही धामी कैबिनेट में बदलाव के कयास तेज हो गए हैं. बताया जा रहा है कि जल्द ही खाली मंत्री पदों को भरे जाने व कुछ मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है. इस बात की चर्चा जोरों पर है की नवरात्र के आसपास धामी कैबिनेट का विस्तार होगा. कैबिनेट में नए चेहरे शामिल होंगे. दरअसल मौजूदा वक्त में कुछ मंत्रियों की परफॉरमेंस को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
तीन पद खाली
इस बात की भी चर्चाएं होती रहती है कि जब भी मंत्रिमंडल में कुछ फेरबदल होगा तो कुछ मंत्रियों को बदला जा सकता है और उनके बदले नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है. सूत्रों की माने तो छुट्टी होने वालों में कुछ ऐसे नाम भी हैं कि जो खासा चर्चाओं में रहे हैं. दरअसल मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में तीन मंत्री पद खाली है इनको भरा जाना है. हालांकि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. भाजपा आलाकमान के साथ चर्चा के बाद ही यह संभव है.
ये नाम चर्चा में
कैबिनेट विस्तार में पूर्व कैबिनेट मंत्री और कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत, डीडीहाट के विधायक और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल उन दिग्गज नेताओं में हैं जिन्हें कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.
पहले भी लगाए गए कयास
हालांकि इससे पहले भी उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार को लेकर कई बार कयास लगाए जा चुके हैं. खास तौर पर जब भी मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे रहे हैं तो कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं जरूर हुई है लेकिन हर बार कयास झूठे साबित हुए. इस बार भी पार्टी में इस मुद्दे पर कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है.
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सीएम का विशेषाधिकार
बीजेपी नेता देवेंद्र भसीन के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार काफी अच्छा काम कर रही है. मंत्रिमंडल का विस्तार सीएम का विशेषाधिकार है. यह कब होगा और किन्हें शामिल किया जाएगा. यह सीएम तय करेंगे.
भर्ती घोटाले का भी असर
बताया जा रहा है कि राज्य में भर्तियों में हुई गड़बड़ी से बीजेपी सरकार की किरकिरी हुई है. ऐसे में इसका असर भी कैबिनेट विस्तार में देखने को मिलेगा. पार्टी हाईकमान द्वारा कैबिनेट मंत्रियों सहित बीजेपी विधायकों के कामकाज की रिपोर्ट भी मांगी गई है. विधानसभा भर्ती मामले में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी द्वारा जांच भी गठित की जा चुकी है.