14 जुलाई से सावन शुरू होने वाला है. यह 12 अगस्त तक रहेगा. हिन्दू धर्म में ख़ास अहमियत रखने वाले सावन में श्रृंगार का विशेष महत्व होता है. इस समय प्रकृति का भी सौंदर्य देखते ही बनता है. ऐसे में प्रकृति और सावन की मान्यता के अनुसार महिलाएं सजती-संवरती हैं.
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लखनऊ: 14 जुलाई से सावन शुरू होने वाला है. इस साल सावन का महीना 12 अगस्त तक रहेगा. हिन्दू धर्म में ख़ास अहमियत रखने वाले सावन में महिलाओं और लड़कियों के श्रृंगार का विशेष महत्व होता है. इस समय प्रकृति का सौंदर्य भी देखते ही बनता है. ऐसे में प्रकृति और सावन की मान्यता के अनुसार महिलाएं सजती-संवरती हैं. सुहागिन महिलाएं ही नहीं कुंवारी लड़कियां भी सावन के मौके पर व्रत रखती हैं. सुहागिन महिलाएं जहां अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की मनोकामना शिवजी के दरबार में लगाती हैं. सावन के मौके पर हर शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ नजर आती है. ऐसे में सावन के इस पवित्र महीने में महिलाओं को खास तौर पर हरे रंग के कपड़े और श्रृंगार करना चाहिए. दरअसल,शिव जी को बेल और धतूरा विशेष रूप से चढ़ाया जाता है. इन दोनों का रंग हरा होता है. यही वजह है कि सुहागिन महिलाएं सावन में हरी चूड़ियां पहनती हैं. वैसे भी हरी चूड़ियों को सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है.
कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं व्रत
ऐसी मान्यता है कि यदि कुंवारी लड़कियां हरे रंग के कपड़े और प्रकृति के अनुकूल सजती हैं तो इसका विशेष लाभ मिलता है. शास्त्रों में हरियाली को ईश्वर का रूप माना गया है. ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक हरा रंग सौभाग्य का प्रतीक होता है. सावन महीने में ही कजरी, तीज और हरियाली तीज जैसे त्योहार आते हैं. इन विशेष त्योहारों पर सुहागिन महिलाओं के साथ सुंदर वर की इच्छा रखने वाली लड़कियां मेहंदी लगाती हैं.
इन बातों का रखें ख्याल
सावन के सोमवार को सुबह जल्दी उठें. हमारे जीवन में स्वच्छता को समृद्धि का कारक माना जाता है. मां पार्वती और भगवान शिव को साफ-सफाई बहुत पसंद है. इसलिए विशेष रूप से सावन में घर और उसके आसपास विशेष सफाई रखें. स्वच्छता के कार्य में बच्चों को भी शामिल करें. इससे उन्हें अच्छे संस्कार मिलते हैं. यदि संभव हो तो स्नान के पानी में काला तिल या गंगा जल डालकर स्नान करें. स्नान के बाद महिलाओं को हरे रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग की पूजा करें. यदि आप मंदिर नहीं जा सकती हैं तो शिवलिंग घर पर भी बना सकती हैं.
सात्विक भोजन करें
सावन में हरे रंग का भले ही विशेष महत्व है. लेकिन खान-पान के मामले में इस महीने विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. बरसात के इस महीने में चारो ओर हरियाली जरूर होती है. लेकिन हरी सब्जियां बनाते समय थोड़ा सावधानी भी बरतें. बरसात के कारण हरी सब्जियों में कीड़े लगने की आशंका अधिक होती है. वहीं सावन में हरी सब्जियां खाने से शरीर में वात बढ़ने की बात भी कही जाती है. इस पवित्र महीने में मांस भी नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा लहसुन प्याज से भी यदि आप परहेज करते हैं तो यह आपके भीतर की तामसिक प्रवृत्ति को कम करेगा. इसी तरह यदि मुमकिन हो तो दूध उबालकर ही पीयें.
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