उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की गिनती देश के सबसे पावरफुल नौकरशाहों में होती है. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश के वह प्रशासनिक मुखिया हैं. दुर्गा शंकर मिश्रा इससे पहले केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में सचिव रहे. अनुशासन के पक्के दुर्गा शंकर मिश्रा की आंखों में एक वाक्या याद कर आंसू आ गए. आइए जानते हैं 50 साल पहले की किस बात को याद कर वह भावुक हो गए और बलिया के बच्चों को क्या संदेश दिया.
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मनोज चतुर्वेदी/बलिया: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र अपने बचपन के विद्यालय में पहुंच कर भावुक हो गये. दरअसल मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का जन्म स्थान तो मऊ है. लेकिन उनके पिता बलिया में सरकारी पद पर कार्यरत थे. 1972 में उन्होंने शहर के लक्ष्मी राज देवी इंटर कालेज में पढ़ाई की. मुख्य सचिव जब 50 साल बाद 19 अगस्त को अपने विद्यालय पहुंचे तो उनकी आंखें भर आयी. विद्यालय के भवन को एक टक देखते मुख्य सचिव ने मंच से भी कहा कि 50 साल पीछे की सारी यादें आज ताजा हो गयी.
बलिया साथ दे तरक्की का पहिया और तेज होगा
इस दौरान मुख्य सचिव ने नये भवन के लिए भूमि पूजन और वृक्षारोपण भी किया. उन्होंने कहा कि बलिया में विकास की अपार संभावनाएं है. शहर के जल जमाव से लेकर बाढ़ तक कि समस्याओ के निदान के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. बलिया के लोग अगर साथ दे तो बलिया विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ेगा. वहीं स्कूल में मौजूद शिक्षकों और छात्रों से भी भावुक अपील करते हुए कहा कि जब मेरे जैसा सामान्य बच्चा जब मुख्य सचिव बन सकता है तो यहां का हर युवा देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते है.
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जब कहा इसी जगह पर मैंने बैठकर पढ़ाई की है
मंच से बोलते मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि मैं बलिया बलिदान दिवस के कार्यक्रम में यहां आया था. यहां से मुझे जो प्यार मिला उससे अभिभूत हूं. लक्ष्मीराज देवी इंटरकॉलेज में 50 साल पहले 1972 में यहां पढ़ता था. उन्होंने कहा कि कक्षा 6 तक मैंने स्कूली की सरकारी स्कूल में ही पढ़ाई की. सामने वाली क्लास में मैं इसी परिसर में बैठता था. यहीं से मुझे स्कॉलरशिप मिली जिससे रांची में दाखिला मिला. आज भी लक्ष्मीराज देवी इंटरकॉलेज मेरी यादों में बसा है. उन्होंने कहा कि एक बार यहां पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी आए थे. मैंने यहीं उन्हें पहली बार देखा था. बाद में सरकार में आने के बाद उनसे मिलने का कई बार मौका मिला. दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि अभी-अभी मुझे मेरे मैथ के टीचर मिले. मुझे उनसे बातचीत कर बहुत खुशी मिली. अपनी बात कहते-कहते दुर्गा शंकर मिश्रा भावुक नजर आए.